आंध्र प्रदेश में व्हाइट स्पॉट डिसीज़ | 18 Dec 2025

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ने आंध्र प्रदेश में मत्स्यपालन क्षेत्र में व्हाइट स्पॉट डिज़ीज और अन्य जलीय पशु रोगों की निगरानी एवं नियंत्रण के लिये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत उठाए गए उपायों के बारे में जानकारी दी।

मुख्य बिंदु 

  • व्हाइट स्पॉट डिज़ीज (WSSV) पुष्टि: आंध्र प्रदेश में फील्ड टीमों ने मत्स्य पालन के नमूने एकत्र किये; निष्क्रिय निगरानी में 4 और सक्रिय निगरानी में 23 नमूनों में व्हाइट स्पॉट सिंड्रोम वायरस (WSSV) की पुष्टि हुई।
  • रोग निगरानी कार्यक्रम: PMMSY के तहत 33.78 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय जलीय पशु रोग निगरानी कार्यक्रम (NSPAAD) को देशव्यापी स्तर पर जलीय रोगों का पता लगाने और प्रबंधन के लिये कार्यान्वित किया गया है।
  • नमूना विश्लेषण: नमूनों का विश्लेषण काकीनाडा स्थित राज्य मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान (SIFT) में किया जाता है।
  • बीमा सहायता: मत्स्यपालन फसल बीमा योजना के तहत आंध्र प्रदेश के 85 मत्स्यपालकों को कवर किया गया; वर्ष 2025 में 5.21 लाख रुपये के दावों का वितरण किया गया।
  • दिशानिर्देश: तटीय मत्स्य पालन प्राधिकरण ने WSSV के प्रकोप को रोकने हेतु SPF झींगा/प्रजनन केंद्रों, हैचरी, फार्म, स्वास्थ्य निगरानी और SPF प्रमाणन के दिशानिर्देश जारी किये।
  • जैव सुरक्षा उपाय: रोगों के प्रसार को सीमित करने के लिये आयातित झींगा प्रजनन स्टॉक का अनिवार्य संगरोध और तटीय मत्स्य पालन प्राधिकरण के साथ झींगा हैचरी एवं फार्मों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया।
  • प्रयोगशाला निगरानी: झींगा और पानी के नमूनों की PCR-आधारित रोग निगरानी रोग का शीघ्र पता लगाने एवं नियंत्रण में सहायक है।
  • वैकल्पिक कृषि प्रणालियाँ: सरकार रोग जोखिम कम करने और जैव सुरक्षा एवं स्थिरता बढ़ाने के लिये बायोफ्लॉक प्रौद्योगिकी (BFT) एवं पुनर्चक्रण मत्स्य पालन प्रणाली (RAS) को बढ़ावा देती है।