वीरांगना टाइगर रिज़र्व मध्य प्रदेश का तीसरा चीता आवास | 15 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सागर ज़िले के नौरादेही स्थित वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिज़र्व में अगले मानसून से पूर्व चीते (Cheetah) के लिये नया आवास स्थापित करने की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु
- स्वीकृति: राज्य मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश के तीसरे टाइगर रिज़र्व के रूप में वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिज़र्व को विकसित करने के लिये सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है।
- आवास स्थल: चीतों के लिये पहला आवास स्थल सितंबर 2022 में कुनो राष्ट्रीय उद्यान, श्योपुर में स्थापित किया गया, जबकि दूसरा अप्रैल 2025 में गांधी सागर अभयारण्य, मंदसौर में स्थापित किया गया था।
- संख्या: कुनो राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में 28 चीते हैं, जबकि गांधी सागर अभयारण्य में दो चीते हैं तथा भविष्य में इनकी संख्या में और वृद्धि की संभावना है।
- स्थानांतरण: जनवरी 2026 में बोत्सवाना से आठ और चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए जाने की संभावना है।
- सफलता : मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और विशेष रूप से मध्य प्रदेश, विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ चीतों का पुनर्वास सफल रहा है।
- वन्यजीव: बाघों की मृत्यु बढ़ती संख्या के कारण होती है, जबकि सरकार क्षति को कम करने और वन्यजीवों के प्रवास तथा आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिये कार्यरत है।
- विविधता: राज्य सरकार असम से गैंडे और बंगलूरू से किंग कोबरा सहित अन्य प्रजातियों को भी स्थानांतरित कर रही है और संरक्षण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये साँप पार्क, बचाव केंद्र एवं चिड़ियाघर विकसित कर रही है।
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिज़र्व
- परिचय: वीरंगना रानी दुर्गावती के नाम पर नामित वीरंगना दुर्गावती टाइगर रिज़र्व की स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी और यह अपनी समृद्ध जैवविविधता के लिये प्रसिद्ध है।
- जैवविविधता: लगभग 550 वर्ग किलोमीटर में स्थापित यह रिज़र्व बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुओं, हिरणों की प्रजातियों और विविध प्रकार के पेड़-पौधों तथा जीव-जंतुओं का आवास स्थल है, जो वन्यजीव तथा प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है।
- अवस्थिति: यह अभ्यारण्य जबेरा से लगभग 11 किलोमीटर दूर दमोह-जबलपुर मार्ग पर स्थित है, जहाँ मार्ग के किनारे वन्यजीवों को देखना सामान्य घटना है।