राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिये भारतीय राजनयिक मिशनों में शामिल होगा उत्तर प्रदेश | 04 Aug 2022

चर्चा में क्यों?

3 अगस्त, 2022 को अतिरिक्त मुख्य सचिव (एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन) नवनीत सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों में भारतीय राजनयिक मिशन में शामिल होगा।

प्रमुख बिंदु 

  • अतिरिक्त मुख्य सचिव (एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन) नवनीत सहगल ने बताया कि यूपीओ ने अगले पाँच साल में राज्य से निर्यात को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा है।
  • यूएसए, यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, सिंगापुर आदि में भारतीय दूतावास राज्य के प्रमुख वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत पारंपरिक हस्तशिल्प और स्वदेशी उत्पादों के अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के उत्पादों को बढ़ावा देंगे।
  • भारतीय राजनयिक मिशन दुनिया भर के प्रमुख निर्यात स्थलों में राज्य के पारंपरिक उत्पादों को बहुत ज़रूरी कर्षण और दृश्यता प्रदान करेंगे।
  • महामारी की स्थिति को देखते हुए, उत्तर प्रदेश का माल निर्यात 2020-21 में 07 लाख करोड़ रुपए से 30 प्रतिशत बढ़कर 2021-22 में 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया, जिसमें से ओडीओपी टोकरी ने 72 प्रतिशत का योगदान दिया।
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव सहगल ने बताया कि एमएसएमई विभाग ने पहले ही प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट और अमेजॅन के साथ राज्य के मर्चेंडाइज बास्केट के विपणन के लिये करार किया है और ई-बे के साथ भी इसी तरह का समझौता करेगा।
  • उत्तर प्रदेश व्यापारिक निर्यात को बढ़ावा देने के लिये ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) चैनल का भी उपयोग करेगा। केंद्र द्वारा प्रचारित, ONDC को डिजिटल नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिये अनिवार्य किया गया है। यह ओपन-सोर्स और ओपन नेटवर्क प्रोटोकॉल पर आधारित है, जो किसी विशिष्ट प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र है, इस प्रकार संस्थागत संस्थाओं के लिये एक विस्तृत बिक्री-खरीद अनुभव प्रदान करता है।
  • सबसे अधिक बिकने वाले यूपी उत्पादों में चमड़े के सामान, कालीन, हाथ से बुने हुए वस्त्र, पीतल के बर्तन, काँच के बने सामान, खेल के सामान आदि शामिल हैं।
  • ओडीओपी योजना, जिसे जनवरी 2018 में उत्तर प्रदेश के पहले स्थापना दिवस समारोह के दौरान शुरू किया गया था, राज्य के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर पर नौकरियाँ पैदा करने पर आधारित है।
  • राज्य गैर-प्रदूषणकारी एमएसएमई उद्योगों के लिये जगह की बचत करने के लिये ‘फ्लैटेड फैक्ट्री’की अवधारणा को बढ़ावा दे रहा है। ‘फ्लैटेड फैक्ट्री’एक बहुमंजिला औद्योगिक इमारत है, जिसमें औद्योगिक गोदामों के रूप में काम करने के अलावा, कई औद्योगिक और असेंबली इकाइयों को समायोजित किया जाता है।