उत्तर प्रदेश का सालाना सॉफ्टवेयर निर्यात 40 हज़ार करोड़ रुपए के पार | 22 Nov 2023

चर्चा में क्यों?

21 नवंबर, 2023 को आईटी मंत्रालय के अधीन काम कर रहे सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के अपर निदेशक डा. प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि लगातार बढ़ रहे सॉफ्टवेयर निर्यात में उत्तर प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है। प्रदेश का सालाना सॉफ्टवेयर निर्यात 40 हज़ार करोड़ रुपए को पार कर गया है।

प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 2020-21 में प्रदेश का सॉफ्टवेयर निर्यात सालाना 28 हज़ार करोड़ रुपए था जो इस समय 40 हज़ार करोड़ रुपए के पार चला गया है। इसमें लखनऊ का हिस्सा 400 करोड़ रुपए था, जो बढ़कर 550 करोड़ रुपए से ऊपर हो गया है। प्रदेश भर से हार्डवेयर का निर्यात भी 1500 करोड़ रुपए के पार चला गया है।
  • एसटीपीआई के अपर निदेशक डा. प्रदीप कुमार द्विवेदी के मुताबिक एनजीआईएस (नेशनल जेनरेशन इंक्यूबेशन स्कीम) योजना के तहत 42 नए स्टार्ट अप तैयार किये गए हैं। इनमें से आठ को 25-25 लाख रुपए फंड दिया गया है। इसके अलावा लीप अहेड प्रोग्राम में एक करोड़ रुपए तक फंड देने की तैयारी है।
  • इस योजना में फंड के अलावा छह माह तक 30 हज़ार रुपए प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।
  • सॉफ्टवेयर स्टार्टअप शुरू करने का सबसे बढ़ा लाभ युवाओं को हुआ है। आईटी मंत्रालय की एनजीआईएस (नेशनल जेनरेशन इंक्यूबेशन स्कीम) के तहत हर क्षेत्र में स्टार्टअप तैयार किये जा रहे हैं। देश में 12 स्थानों पर इस योजना के तहत केंद्र बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ और प्रयागराज में दो केंद्र हैं जिनके ज़रिये स्टार्ट अप तैयार किये जा रहे हैं।
  • नई आईटी नीति लागू होने के बाद इस क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। विशेष रूप से चिकित्सा जगत में सॉफ्टवेयर के प्रयोग के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप का अहम प्रयोग लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) में शुरू हुआ है।
  • एसजीपीजीआई प्रबंधन और एसटीपीआई के इस साझा कार्यक्रम में क्लीनिकली ट्रायल पर लगातार काम किया जा रहा है। एसटीपीआई ने हाल ही में 28 ऐसे स्टार्टअप तैयार कराए हैं जो केवल चिकित्सा जगत में सॉफ्टवेयर तकनीक पर प्रयोग कर रहे हैं। इनमें से छह तो अपने उत्पादों को पेटेंट भी करा चुके हैं।
  • इस समय प्रदेश में एसटीपीआई के पांच सेंटर लखनऊ, नोएडा, कानपुर, प्रयागराज और मेरठ में हैं। जबकि अन्य चार सेंटर आगरा, गोरखपुर, बरेली और वाराणसी में प्रस्तावित हैं।
  • वर्तमान में एसटीपीआई पार्कों से 342 एक्सपोर्ट यूनिट जुड़ी हैं। 101 कंपनियाँ इंन्क्युबेशन सेंटर से जुड़ी है। एसटीपीआई के चार और सेंटर शुरू होंगे तो युवाओं के लिये रोज़गार के नए मार्ग खुलेंगे। एक ही पार्क से छह हज़ार से ज्यादा युवाओं को तत्काल फायदा मिलता है।