उत्तर प्रदेश ड्रोन सुरक्षा नीति | 11 Oct 2025

चर्चा में क्यों? 

पिछले चार महीनों के दौरान, उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाने या 'ड्रोन गैंग' के संबंध में अफवाहें फैलाने के मामलों में कई प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गईं और कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। 

मुख्य बिंदु 

  • उद्देश्य: इस नीति का उद्देश्य ड्रोन संचालन की सुरक्षा और नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिये ज़िला और आयुक्तालय स्तर (Commissionerate Level) पर सख्त निगरानी और नियमों का पालन करना है। 
  • ड्रोन निगरानी और पंजीकरण रजिस्टर: हर ज़िले को यह सुनिश्चित करना है कि सभी पंजीकृत ड्रोन, उनके ऑपरेटर और स्थानीय रिपेयर केंद्रों का विवरण समर्पित रजिस्टर में दर्ज और ट्रैक किया जाए। 
  • ड्रोन निगरानी समितियाँ: 
    • अध्यक्ष: ज़िले स्तर की ड्रोन समिति की अध्यक्षता ज़िला मजिस्ट्रेट (DM) करेंगे। 
    • सदस्य: समिति में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) या पुलिस अधीक्षक (SP) और अतिरिक्त ज़िला मजिस्ट्रेट (ADM) सदस्य होंगे। 
    • ज़िम्मेदारियाँ: समिति का कार्य ड्रोन संचालन की निगरानी, नियमों का पालन सुनिश्चित करना और अनधिकृत उपयोग के मामलों का निवारण करना है। 
  • सीमित हवाई क्षेत्र के लिये रेड ज़ोन: 
    • अस्थायी रेड ज़ोन: आवश्यकतानुसार, ज़िला स्तर की समिति अस्थायी रेड ज़ोन घोषित करने का अधिकार रखती है। 
    • अवधि: रेड ज़ोन अधिकतम 96 घंटे तक प्रभावी रहेंगे और इन्हें डिजिटल स्काई  प्लेटफॉर्म पर चिह्नित किया जाएगा। 
  • स्थानीय खुफिया और जागरूकता अभियान: 
    • खुफिया नेटवर्क: ड्रोन से संबंधित अफवाहों को रोकने के लिये स्थानीय खुफिया नेटवर्क और सोशल मीडिया निगरानी सक्रिय की जाएगी। 
    • सार्वजनिक जागरूकता: जनता को वैध ड्रोन गतिविधियों के संबंध में शिक्षित करने के लिये UP-112 और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जाएँगे। 
    • तत्काल पुलिस प्रतिक्रिया: ड्रोन गतिविधियों से संबंधित किसी भी शिकायत या चिंता पर पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। 
  • ऑनलाइन ड्रोन पंजीकरण पोर्टल: राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में संचालित सभी ड्रोन के पंजीकरण के लिये ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करेगी। 
    • सभी ड्रोन ऑपरेटरों को इस प्लेटफॉर्म पर अपने विवरण घोषित करना अनिवार्य होगा और ये विवरण स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज किये जाएँगे। 
    • प्रत्येक पुलिस थाना को स्थानीय रजिस्टर में ड्रोन के रजिस्ट्रेशन नंबर, स्वामित्व विवरण और स्थानीय मैकेनिक की जानकारी दर्ज करनी होगी। 
  • दंड: अनधिकृत ड्रोन संचालन पर ड्रोन नियम, 2021 और लागू आपराधिक कानूनों के अनुसार कड़ी सज़ा दी जाएगी। 
  • सहयोग और समन्वय: किसी भी संदेहास्पद हवाई खतरे की स्थिति में पुलिस तुरंत वायुसेना ऑपरेशन रूम और सिविल एविएशन निदेशालय को सूचित करेगी। 
  • सर्वे अधिसूचना: स्थानीय पुलिस थाना को पूर्व सूचना दिये बिना किसी भी ड्रोन सर्वेक्षण की अनुमति नहीं होगी।