उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 | 12 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में उजागर हुए कथित धर्म परिवर्तन रैकेट से संबंधित धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत मामला दर्ज किया है।
- ED ने उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धार्मिक धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 के तहत दर्ज एक प्राथमिकी के बाद अपनी जांच शुरू की ।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021:
- इसका उद्देश्य धार्मिक रूपांतरणों को विनियमित करना तथा मिथ्या प्रस्तुती, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी धोखाधड़ी के माध्यम से किये गए धर्मांतरण पर रोक लगाना है।
- अवैध धर्मांतरण के लिये कारावास और ज़ुर्माने की मानक सज़ा है।
- यदि पीड़ित महिला, नाबालिग, या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है तो कारावास और जुर्माने की बढ़ी हुई सज़ा लागू होगी।
- बार-बार अपराध करने पर संबंधित सज़ा से दोगुनी सज़ा हो सकती है। गैरकानूनी धर्मांतरण के उद्देश्य से किया गया कोई भी विवाह अमान्य घोषित कर दिया जाता है।
- इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया, जिसमें मूल 2021 धर्मांतरण विरोधी कानून में महत्त्वपूर्ण बदलाव करते हुए इसके प्रावधानों को और अधिक कठोर बना दिया गया।
- धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002:
- प्रमुख प्रावधान:
- मनी लॉन्ड्रिंग को अपराध से प्राप्त आय को छुपाना, कब्जाना, अधिग्रहण करना या उसका उपयोग करना तथा उसे वैध संपत्ति के रूप में प्रस्तुत करना कहा गया है।
- यह विधेयक प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अपराधों की जाँच करने, छापे मारने और अपराध की आय को कुर्क करने का अधिकार देता है।
- वित्तीय संस्थाओं को संदिग्ध लेनदेन की जाँच के लिये वित्तीय खुफिया इकाई - भारत (FIU-IND) को रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है।
- धन शोधन के मामलों की सुनवाई में तेज़ी लाने के लिये विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई है, जिससे कानूनी रोकथाम सुनिश्चित हो सके।
- इसमें अपराधों की अनुसूची के अंतर्गत आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद जैसे विविध प्रकार के अपराध शामिल हैं।
- प्रभावशीलता:
- मज़बूत निवारण: PMLA प्रमुख धोखाधड़ी और आर्थिक अपराधों में सख्त जाँच, अभियोजन और संपत्ति जब्ती के माध्यम से वित्तीय अपराधों को रोकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में वृद्धि: भारत अवैध धन पर नज़र रखने के लिये इंटरपोल और FATF (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) के साथ सहयोग करता है।
- बेहतर वित्तीय निगरानी: बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नो योर कस्टमर (KYC) मानदंडों को लागू करने के लिये बाध्य किया जाता है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के जोखिम कम हो जाते हैं।
धर्म परिवर्तन से संबंधित प्रमुख संवैधानिक प्रावधान
- अनुच्छेद 25: सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन, अंतःकरण की स्वतंत्रता और धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने के अधिकार की गारंटी देता है। राज्य धार्मिक आचरण से जुड़ी किसी भी आर्थिक, वित्तीय, राजनीतिक या अन्य धर्मनिरपेक्ष गतिविधि को विनियमित या प्रतिबंधित कर सकता है।
- यह धार्मिक आचरण से जुड़ी धर्मनिरपेक्ष गतिविधियों के विनियमन और हिंदू धार्मिक संस्थाओं को हिंदुओं के सभी वर्गों और वर्गों के लिये खोलने की भी अनुमति देता है।
- अनुच्छेद 26: प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय को सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन अपने धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार देता है।
- अनुच्छेद 27 से 30: धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने, किसी भी धर्म को आर्थिक योगदान देने तथा शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन की स्वतंत्रता की गारंटी।