जनजातीय वाचिकोत्सव 2023 | 24 May 2023

चर्चा में क्यों?

22 मई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (TRTI), रायपुर द्वारा आदिवासी जीवन से संबंधित वाचिक परंपरा के संरक्षण, संवर्द्धन एवं उनके अभिलेखीकरण के उद्देश्य से 25 से 27 मई 2023 तक तीन दिवसीय ‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ का आयोजन किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • उल्लेखनीय है कि यह आयोजन भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं राज्य शासन के सहयोग से टी.आर.टी.आई. संस्थान के नवनिर्मित भवन में होगा।  
  • आयोजन में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के जनजातीय वाचकों द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा की विभिन्न विधाओं के अंतर्गत अपनी प्रस्तुति दी जाएगी। 
  • ‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ के आयोजन के उपरांत संस्थान द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा के संरक्षण एवं अभिलेखीकरण के दृष्टिगत पुस्तक का प्रकाशन भी किया जाएगा।  
  • ‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ के अंतर्गत लगभग 240 जनजातीय वाचकों की सहभागिता संभावित है। इनमें प्रमुख रूप से जनजातीय साहित्यकार अश्वनी कुमार पंकज (रांची, झारखंड) एवं पंकज चतुर्वेदी (नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली) भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। 
  • जनजातीय वाचिकोत्सव में निम्नलिखित 09 विधाओं का वाचन किया जाएगा- 
  • जनजातीय देवी-देवता एवं मड़ई मेला के संबंध में वाचिक ज्ञान,  
  • जनजातियों में प्रचलित लोक कहानियाँ,  
  • जनजातियों में प्रचलित कहावतें एवं लोकोक्तियाँ,  
  • जनजातीय लोकगीत, उनका अभिप्राय एवं भावार्थ,  
  • जनजातीय तीज-त्यौहार से संबंधित वाचिक ज्ञान,  
  • जनजातीय जीवन संस्कार (जन्म, विवाह, मृत्यु इत्यादि) संबंधी वाचिक परंपरा,  
  • जनजातीय समुदाय की उत्पत्ति संबंधी धारणा एवं वाचिक ज्ञान,  
  • जनजातीय समुदाय में गोत्र व्यवसाय एवं गोत्र चिन्हों की अवधारणा संबंधी वाचिक ज्ञान,  
  • जनजातियों में प्रचलित विशिष्ट परंपरा (गोदना, लाल बंगला, घोटूल, धनकूल, जगार, जात्रा, धुमकुरिया आदि) रीति रिवाज एवं परंपरागत ज्ञान एवं विश्वास 
  • यह कार्यक्रम प्रतिदिन 8 सत्रों में विभाजित किया गया है। कार्यक्रम के समापन अवसर पर शामिल सभी जनजातीय वाचकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।