मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी और मेघा इंजीनियरिंग के बीच ट्रांसमिशन सर्विस एग्रीमेंट हस्ताक्षरित | 31 Jan 2023

चर्चा में क्यों?

30 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश में 17 अति उच्चदाब सबस्टेशन बनाने के लिये मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी और मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के बीच टी.एस.ए. (ट्रांसमिशन सर्विस एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर हुए।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके पहले मध्य प्रदेश शासन द्वारा नियुक्त बिड प्रोसेस को-ऑर्डिनेटर आर.ई.सी.पी.डी.सी.एल. ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद न्यूनतम बिडर मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड हैदराबाद को एस.पी.ए. (शेयर परचेस एग्रीमेंट) हस्तांतरित किया।
  • मुख्य अभियंता संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि टी.बी.सी.बी. (टेरिफ बेस्ड कांपटेटिव बिडिंग) में न्यूनतम रहते हुए मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के लिये 17 अति उच्चदाब के सबस्टेशन बनाने का यह कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया है।
  • 17 अति उच्चदाब के सबस्टेशन में 400 के.वी. का एक, 220 के.वी. के 3 तथा 132 के.वी. के 13 सबस्टेशन शामिल हैं। इनमें मध्य क्षेत्र के 10 तथा पश्चिम क्षेत्र के 7 सबस्टेशन शामिल हैं।
  • मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 59 दौर की ई-रिवर्स ऑक्सन प्रक्रिया के बाद यह टेंडर मिला है। आदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, टाटा पावर कंपनी लिमिटेड तथा टेकनो इलेक्ट्रिक एवं इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड अंतिम दौर की टेंडर प्रक्रिया में शामिल थीं।
  • इस पैकेज में भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में प्रदेश का पहला 400 के.वी. जी.आई.एस. सबस्टेशन, भोपाल में ही 132/33 के.वी. का दूसरा जी.आई.एस. सबस्टेशन एच.ओ.डी., भोपाल क्षेत्र में होशंगाबाद ज़िले के बिसोनीकला, बैतूल ज़िले के शाहपुर में 220 के.वी. का, राजगढ़ ज़िले के छापीहेडा, हरदा ज़िले के सोदालपुर, रायसेन ज़िले के पठारी, और बाड़ी, सीहोर ज़िले के जावरजोड, अशोकनगर ज़िले के सेमराहट में 132 के.वी. के सबस्टेशन, धार ज़िले के पीथमपुर में 132/33 के.वी. का जी.आई.एस. सबस्टेशन, खरगोन में 220 के.वी. का सबस्टेशन, उज्जैन ज़िले के भाटपचलाना, खरगोन ज़िले के पीपलगाँव, रतलाम ज़िले के धोदर, देवास ज़िले के चोबराधीर, अलीराजपुर ज़िले के अंबजा में 132/33 के.वी. के सबस्टेशन बनाए जाएंगे।
  • निर्माण करने के बाद इन सबस्टेशनों का संचालन 35 वर्षों के लिये मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।