चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने रखी ‘री-सर्कुलिंग एक्वाकल्चर सिस्टम’ की आधारशिला | 04 Feb 2022

चर्चा में क्यों?

3 फरवरी, 2022 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के 53वें स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने री-सर्कुलिंग एक्वाकल्चर सिस्टम की आधारशिला रखी। इस तकनीक के माध्यम से देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिये कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन हासिल किया जा सकेगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) एक ऐसी तकनीक है, जो पानी के पुन: संचार और पुन:उपयोग पर निर्भर करती है। इससे किसान कम जोत में भी अधिक मछली उत्पादन कर सकते हैं। 
  • इस प्रणाली में आयताकार या वृत्ताकार टैंक में कम जगह में अधिक मछली का उत्पादन लिया जा सकता है। इसकी खासियत यह होती है कि इसमें मछली पालन में दूषित हुए पानी को बॉयो फिल्टर टैंक में डाला जाता है, फिर इसे फिल्टर करके वापस मछली वाले टैंक में भेज दिया जाता है। 
  • इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने रोजगारोन्मुखी योजनाओं का और अधिक क्रियान्वयन करने व प्राकृतिक खेती को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिये किसानों की आय में वृद्धि पर बल दिया। 
  • विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के नेहरू पुस्तकालय में दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। इस प्रदर्शनी में कृषि विज्ञान, सहायक विज्ञान, गृह विज्ञान, खाद्य विज्ञान एवं तकनीकी, नैनो टेक्नोलॉजी, कृषि व्यवसाय, मत्स्य विज्ञान, प्रतियोगी एवं सामान्य ज्ञान की पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया है।
  • इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य उच्चतम गुणवत्ता की पुस्तकों का चयन किया जाना है, ताकि विश्वविद्यालय के नेहरू पुस्तकालय में उनकी उपलब्धता आसानी से हो सके।