प्रदेश सरकार ने पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय का नाम बदला | 21 Mar 2023

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। पारित विधेयक के अनुसार, अब पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के नाम के आगे पंडित के स्थान पर दादा शब्द का प्रयोग होगा।

प्रमुख बिंदु 

  • रोहतक स्थित पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय अब दादा लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाएगा।
  • इसी प्रकार, विधानसभा में हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। अंतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) प्रबंधन प्रणाली के ऑनलाइन संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिये, 1975 के अधिनियम में कुछ संशोधन किये गए हैं।
  • इनमें विक्रय, व्यापार, नीलामी तंत्र के माध्यम से टीडीआर प्रमाण-पत्र का हस्तांतरण व विक्रय को संभव बनाने और क्रेता की भौगोलिक स्थिति पर अनजाने में लगाए गए प्रतिबंध को सुधारने के लिये धारा 2 के खंड (एन-2) में संशोधन किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त, सदन में हरियाणा विद्यालय शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2023 प्रस्तुत किया गया। सदन में इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
  • पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक 5 अगस्त, 2014 को हरियाणा अधिनियम संख्या 24 के माध्यम से चार सरकारी तकनीकी संस्थानों, अर्थात् राज्य ललित कला संस्थान (SIFA), राज्य डिजाइन संस्थान (SID), राज्य फिल्म और टेलीविजन संस्थान (SIFT) तथा राज्य नगरीय योजना और वास्तुकला संस्थान (SIUPA) को एकीकृत करके अस्तित्व में आया।
  • इस विश्वविद्यालय की स्थापना डिजाइन, ललित कला, फिल्म और टेलीविजन, नगरीय योजना और वास्तुकला के नये मोर्चों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ उच्चतर शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में अध्ययन और अनुसंधान को सुगम बनाने तथा प्रोत्साहित करने और इन क्षेत्रों और संबंधित क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये की गई थी।
  • ये चारों संस्थान 240 छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता के साथ वर्ष 2011 में शुरू हुए थे तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से संबद्ध थे। राज्य सरकार इन संस्थानों को 100 प्रतिशत अनुदान सहायता प्रदान कर रही थी।
  • पंडित लख्मी चंद की दादा लख्मी चंद के रूप में लोकप्रियता को देखते हुए, अब सरकार ने पुन: विश्वविद्यालय का नाम दादा लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के रूप में करने का निर्णय लिया है।