राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का हुआ समापन | 11 Jan 2023

चर्चा में क्यों?

10 जनवरी, 2023 को राजधानी रायपुर में तीन दिनों से चल रहे राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों का रंगा-रंग समापन बलवीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की राज्य स्तर की स्पर्धाओं में प्रथम, द्वितीय और तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साह बढ़ाया गया।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ 8 जनवरी को किया था। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़िया खेलों को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिये छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन हर वर्ष सितंबर-अक्टूबर माह में किये जाने की घोषणा भी की थी।
  • छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर पूरे प्रदेश में लोगों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं ने इन खेलों में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया। गाँव-गाँव में खेलों के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार हुआ है। महिलाओं ने भी इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
  • खेल एवं युवा कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी पिल्ले ने बताया कि राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों में सभी ज़िलों के 1711 प्रतिभागी शामिल हुए। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ग्रामीण क्षेत्रों के 25 लाख से ज्यादा और नगरीय क्षेत्रों में एक लाख 30 हज़ार से ज्यादा लोगों की भागीदारी रही।
  • उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत 6 अक्टूबर, 2022 को हुई थी। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में राज्य स्तरीय स्पर्धा में सबसे छोटी 6 वर्ष की बालिका ने फुगड़ी में और 79 वर्षीय बुजुर्ग महिला सुकारो दाई ने गेंड़ी दौड़ में हिस्सा लिया।
  • बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में फुगड़ी, बिल्लस, भँवरा, बाटी और कबड्डी, छत्रपति शिवाजी महाराज आउटडोर स्टेडियम में संखली, रस्साकशी, लंगडी, पिट्ठूल, गेंडी दौड़, माधव राव सप्रे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में खो-खो और गिल्ली डंडा और स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में लंबी कूद और 100 मीटर दौड़ खेलों की प्रतिस्पर्धाएँ आयोजित की गई।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य के छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया गया। घरेलू महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्गों ने भी इस ओलंपिक में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 14 खेलों को शामिल किया गया था। इसके तहत दलीय खेल में गिल्ली डंडा, पिट्ठूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा) और एकल खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मी. दौड़ तथा लंबी कूद की प्रतिस्पर्धाएँ शामिल थी।