‘राजीव गांधी जल संचय योजना’ के द्वितीय चरण को प्रारंभ करने का निर्णय | 08 Sep 2022

चर्चा में क्यों?

7 सितंबर, 2022 को राजस्थान ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘राजीव गांधी जल संचय योजना’के द्वितीय चरण को प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, जिसके संबंध में आदेश जारी किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • सचिव अपर्णा अरोरा की ओर से जारी आदेशानुसार योजना के द्वितीय चरण के प्रमुख उद्देश्य आम जनता से चर्चा कर प्राथमिकता से पक्के एनीकट, एमआईटी, डब्ल्यूएचएस एवं एमएसटी का निर्माण कराना, विभिन्न वित्तीय संसाधनों का कन्वर्जेन्स कर परंपरागत पेयजल एवं जल स्रोतों को पुनर्जीवित कराना है।
  • इसी प्रकार गाँवों में पेयजल की कमी को दूर करने हेतु पीने के पानी को गाँव या गाँवों के नज़दीक उपलब्ध कराना, भू-जल स्तर में वृद्धि करना, वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना, जल एवं मृदा संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना इत्यादि इसके प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं।
  • द्वितीय चरण में राजस्थान की 352 पंचायत समितियों के लगभग 4500 गाँवों को इस अभियान में शामिल किया गया है।
  • द्वितीय चरण की कार्य अवधि 2 वर्ष रहेगी। इसके प्रभावी क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिये राज्य, ज़िला व ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। इसके साथ ही कार्य योजना के प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यकारी समिति का गठन भी किया गया है।
  • द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग प्रशासनिक विभाग एवं जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग नोडल विभाग रहेगा। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ज़िला कलक्टर नोडल अधिकारी रहेंगे।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में वर्षा जल का अधिकतम संग्रहण, संरक्षण एवं उपलब्ध जल का न्यायोचित उपयोग करने हेतु 20 अगस्त, 2019 को राजीव गांधी जल संचय योजना की शुरुआत हुई थी। प्रथम चरण में 1450 ग्राम पंचायतों में 4029 गाँव शामिल किये गए थे।