ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना | 17 Aug 2022

चर्चा में क्यों?

16 अगस्त, 2022 को रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक के. ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण में लगे रेल विकास निगम ने 50 किमी. लंबी सुरंग बनाकर तैयार कर दी है। कुल 125 किमी. लंबे ट्रैक का 105 किमी. हिस्सा सुरंगों के अंदर होगा।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रबंधक के. ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया कि 125 किमी. लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के नौ पैकेज में 80 प्रवेश द्वार होंगे, जिनमें से लगभग 50 प्रवेश द्वार तैयार हो चुके हैं।
  • उन्होंने बताया कि किसी भी आपदा, जैसे- भूकंप, बाढ़ और आग से निपटने के लिये आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की ओर से साइट स्पेसिफिक स्पेक्ट्रम स्टडी तैयार की गई है। इसे विदेशों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की ओर से जाँचा गया है।
  • भूस्खलन से बचने के लिये पोरल स्टेबलाइज़ेशन किया गया है। सभी बातों को ध्यान में रखकर सुरंगों की डिज़ाइन तैयार की गई है। सभी पैकेज में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। किसी भी प्रकार की आपदा से बचने के लिये सुरंगों को सुरक्षित बनाया जा रहा है।
  • ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कुल 17 सुरंगें होंगी। 16 सुरंग एनएटीएम (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मैथड) और सौड़ (देवप्रयाग) से जनासू तक 70 किमी. लंबी सुरंग का निर्माण टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) से किया जा रहा है।
  • गौरतलब है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर साल 2019 से काम शुरू हुआ था। यह 125 किमी. लंबी परियोजना है, जिसमें 105 किमी. रेललाइन सुरंगों के भीतर होगी। यह परियोजना पूरी तरह से ऋषिकेश से आगे कर्णप्रयाग तक पर्वतीय क्षेत्र में बनाई जा रही है।
  • इस रेललाइन के लिये कुल 17 सुरंगों का निर्माण हो रहा है। इनमें जिन सुरंगों की लंबाई 6 किमी. से ज़्यादा है, उनके समानांतर एक निकासी सुरंग भी बनाई जा रही है। इस परियोजना में 7 एडिट टनल बनाई जाएँगी, जिनकी लंबाई 4 किमी. तक होगी।