मालन नदी का पुनरुद्धार | 04 May 2022

चर्चा में क्यों? 

3 मई, 2022 को बिजनौर के डीएम उमेश मिश्रा द्वारा मालन नदी के पुनरुद्धार हेतु अभियान का शुभारंभ किया गया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर डीएम मिश्रा ने बताया कि मालन के किनारे समृद्ध सभ्यता हुआ करती थी, जिसका साक्ष्य यहाँ से मिली मूर्तियाँ, शिवलिंग एवं विभिन्न वस्तुओं के अवशेष हैं, जिन्हें मयूरेश्वर नाथ महादेव बाबा धाम मंदिर में सहेजकर रखा गया है। 
  • इस नदी के किनारे ही कण्व आश्रम के साथ-साथ राजा मोरध्वज का किला भी अवस्थित था।  
  • गौरतलब है कि मालन नदी, जिसे प्राचीन काल में मालिनी कहा जाता था, का उद्गम पौड़ी ज़िले की चंडा पहाड़ियों से माना जाता है। 
  • उत्तराखंड के पहाड़ों से निकलने वाली यह नदी मैदान में आकर नाले के रूप में परिवर्तित हो चुकी है। बिजनौर में हल्दूखाता से प्रवेश करने के बाद यह नदी ज़िले में 53 किमी. की यात्रा करने के बाद गंगा में मिल जाती है।