भांड देवरा मंदिर का जीर्णोद्धार | 26 May 2025
चर्चा में क्यों?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) राजस्थान के बारां ज़िले में स्थित 10वीं शताब्दी के भांड देवरा मंदिर का जीर्णोद्धार करने जा रहा है, जिसे अक्सर राज्य का "मिनी खजुराहो" कहा जाता है।
मुख्य बिंदु
- स्थापत्य शैली और स्थान:
- बारां ज़िले में रामगढ़ नदी के तट पर स्थित भांड देवरा मंदिर विशिष्ट नागर स्थापत्य शैली में निर्मित है।
- खजुराहो के मंदिरों से इसकी समानता अद्भुत है, जिसके कारण इसे "राजस्थान का छोटा खजुराहो" उपनाम दिया गया है।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और संरक्षण:
- यह मंदिर मूलतः नागवंशी राजा मलय वर्मा द्वारा विजय स्मारक के रूप में बनवाया गया था।
- 1162 ई. में इसे पुनः संरक्षण प्राप्त हुआ, जब मेडा वंश (Meda dynasty) के राजा तृष्णा वर्मा ने इसके जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया।
- विरासत की उपेक्षा और क्षति:
- वर्षों की उपेक्षा और उदासीनता के कारण मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है, जर्जर संरचना और चोरी हुई मूर्तियों के कारण इसकी समृद्ध विरासत नष्ट हो गई है।
- एक भूवैज्ञानिक और सांस्कृतिक आश्चर्य:
- समीपवर्ती रामगढ़ क्रेटर, जो लगभग 16.5 करोड़ वर्ष पूर्व एक ग्रह-उल्का (asteroid) के टकराव से बना था, भारत की दुर्लभ भू-विरासत स्थलों में से एक है।
- यह एक ग्रह-उल्का प्रहार क्रेटर है, जिसका व्यास 3.5 किमी. है और यह विंध्य शृंखला के कोटा पठार में स्थित है, जो राजस्थान के बारां ज़िले के रामगढ़ गाँव के पास स्थित है।
- यह भारत का आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त तीसरा क्रेटर है, जिसका आकार मध्य प्रदेश में स्थित 14 किमी. व्यास वाला धाला क्रेटर और महाराष्ट्र में स्थित 1.8 किमी. व्यास वाला लोनार क्रेटर के बीच है।
नागर या उत्तर भारतीय मंदिर शैली
- परिचय:
- उत्तरी भारत में सामान्यतः पाए जाने वाले नागर शैली के मंदिरों की पहचान एक वक्रीय मीनार (शिखर), गर्भगृह (Sanctorum) और स्तंभयुक्त हॉल (मंडप) से होती है।
- ये मंदिर आमतौर पर एक ऊँचे पत्थर के मंच (जगती) पर बनाए जाते हैं, जिसमें प्रवेश के लिये सीढ़ियाँ बनी होती हैं।
- नागर मंदिर की भूमि योजना आमतौर पर वर्गाकार या आयताकार होती है, जिसमें चार भुजाएँ होती हैं।
- शिखर (वक्रीय मीनार):
- प्रारंभिक नागर मंदिरों में एक ही शिखर होता था, लेकिन बाद के मंदिरों में प्रायः अनेक शिखर होते थे।
- गर्भगृह (पवित्र स्थान):
- सबसे ऊँचे शिखर के ठीक नीचे स्थित गर्भगृह में मुख्य देवता का निवास है।
- यह मंदिर के आध्यात्मिक मूल का प्रतिनिधित्व करता है और अक्सर विस्तृत अलंकरण से रहित होता है, जो आंतरिक पवित्रता को दर्शाता है।
- जगती और पीठा:
- नागर मंदिर एक ऊँचे मंच पर स्थित होते हैं जिसे जगती के नाम से जाना जाता है, जो मंदिर को भौतिक और प्रतीकात्मक दोनों रूप से ऊँचा उठाता है।
- अधिष्ठान (आधार मंच):
- पीठ और जगती के ऊपर अधिष्ठान होता है, जो आधार मंच है, जिस पर अधिरचना (मंदिर का शिखर और दीवारें) का निर्माण किया जाता है।
खजुराहो मंदिर
- चंदेल राजवंश द्वारा 10वीं और 11वीं शताब्दी में निर्मित ये मंदिर समूह स्थापत्य कला और मूर्ति कला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
- नागर शैली में बने यहाँ के मंदिरों की संख्या अब केवल 20 ही रह गई है, जिनमें कंदरिया महादेव का मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
- धार्मिक संबंध: यहाँ के मंदिर दो धर्मों- जैन और हिंदू से संबंधित हैं।
- विश्व धरोहर स्थल: इन्हें वर्ष 1986 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण:
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) संस्कृति मंत्रालय के तहत देश की सांस्कृतिक विरासत के पुरातात्त्विक अनुसंधान और संरक्षण के लिये प्रमुख संगठन है।
- यह 3650 से अधिक प्राचीन स्मारकों, पुरातात्त्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्त्व के अवशेषों का प्रबंधन करता है।
- इसके कार्यों में पुरातात्त्विक अवशेषों का सर्वेक्षण, पुरातात्त्विक स्थलों की खोज एवं उत्खनन, संरक्षित स्मारकों का संरक्षण और रखरखाव करना आदि शामिल हैं।
- इसकी स्थापना वर्ष 1861 में ASI के पहले महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी। अलेक्जेंडर कनिंघम को "भारतीय पुरातत्त्व के जनक" के रूप में भी जाना जाता है।