जलालाबाद का नया नाम परशुरामपुरी | 21 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर ज़िले स्थित जलालाबाद नगर का नाम बदलकर आधिकारिक रूप से "परशुरामपुरी" करने की स्वीकृति दे दी है।
मुख्य बिंदु
- केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को नया नाम परशुरामपुरी अधिसूचित करने और इसे सभी क्षेत्रीय भाषाओं के साथ-साथ देवनागरी (हिंदी) तथा रोमन (अंग्रेज़ी) दोनों लिपियों में पंजीकृत करने का निर्देश दिया है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने गृह मंत्रालय (MHA) को भेजे अपने अनुरोध में इस बात पर ज़ोर दिया था कि जलालाबाद को परशुराम की जन्मस्थली माना जाता है और यहाँ उनको समर्पित एक प्राचीन मंदिर भी है।
- इतिहास: जलालाबाद की स्थापना वर्ष 1560 के आसपास हुई थी और इसका नाम मुगल सम्राट जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर (हुमायूँ के पुत्र) के नाम पर रखा गया था, जिन्हें अकबर महान के नाम से जाना जाता था। राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में जलालाबाद को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना शुरू किया था।
- ज़िले का नाम बदलने की प्रक्रिया: ज़िलों के नाम बदलने या गठन में केंद्र की कोई भूमिका नहीं होती है, क्योंकि यह अधिकार राज्यों के पास होता है, लेकिन जब कोई राज्य किसी ज़िले या रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहता है तो गृह मंत्रालय की सहमति आवश्यक होती है।
- राज्य सरकार का प्रस्ताव अन्य विभागों एवं एजेंसियों जैसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो, डाक विभाग, भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग तथा रेलवे मंत्रालय को भेजा जाता है ताकि उनसे अनुमोदन प्राप्त किया जा सके।
- उनकी प्रतिक्रियाओं की जाँच के बाद अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) जारी किया जा सकता है।
- उत्तर प्रदेश में पूर्व में बदले गए स्थानों के नाम
पुराना नाम |
नया नाम |
इलाहाबाद |
प्रयागराज |
फैज़ाबाद |
अयोध्या |
मुगलसराय रेलवे स्टेशन |
पं. दीन दयाल उपाध्याय नगर |
झाँसी रेलवे स्टेशन |
वीरांगना लक्ष्मी बाई |
बनारस |
वाराणसी |