‘राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम और विजय सिंह पथिक’पुस्तक का विमोचन | 09 Dec 2021

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बीकानेर ज़िले में ‘राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम और विजय सिंह पथिक’पुस्तक का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की इस कड़ी में राजस्थान राज्य अभिलेखागार परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ. कल्ला ने कहा कि देश को आज़ादी दिलाने में विजय सिंह पथिक की भूमिका बेहद महत्त्वपूर्ण रही। उनके समग्र व्यक्तित्व से संबंधित मूल दस्तावेज़ों पर आधारित यह पुस्तक भावी पीढ़ी के लिये फायदेमंद साबित होगी। 
  • पुस्तक के संपादक तथा राजस्थान राज्य अभिलेखागार निदेशक डॉ. महेंद्र खड़गावत ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 1982 में ओरल हिस्ट्री परियोजना के तहत उस दौर के जीवित स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरणों को ध्वनिबद्ध करने का कार्य दिया गया था, जिसका प्रभावी क्रियान्वयन किया गया है। 
  • राजस्थान और आसपास के राज्यों द्वारा विजय सिंह पथिक के मूल अभिलेखों पर आधारित पुस्तक की आवश्यकता महसूस की गई थी। इसके मद्देनज़र अभिलेखागार द्वारा यह पुस्तक प्रकाशित की गई है।
  • कला-संस्कृति मंत्री ने राजस्थानी भाषा को विश्व की समृद्धतम भाषाओं में से एक बताया तथा कहा कि इसमें प्रचुर साहित्य विद्यमान है। तथा दुनिया भर में दस करोड़ से अधिक लोग राजस्थानी भाषा बोलते और समझते हैं। 
  • राजस्थान की विधानसभा द्वारा इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने का प्रस्ताव वर्षों पूर्व पारित करवाया जा चुका है। उन्होंने राजस्थानी फिल्मों के प्रोत्साहन के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
  • इस अवसर पर डॉ. कल्ला ने अभिलेखागार और म्यूजियम का अवलोकन किया। डिजिटल अभिलेखागार, अभिलेख संग्रहालय तथा अभिलेख प्रबंधन की सराहना की। बही और पट्टा रजिस्टर का अवलोकन किया तथा पट्टा जारी करने की जानकारी भी ली। 
  • डिजिटाइज़ेशन कार्य को भविष्य के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण बताया। अभिलेखागार की दीर्घाओं में शिवाजी महाराज दीर्घा, महाराणा प्रताप दीर्घा, टेस्सीतोरी दीर्घा आदि का अवलोकन किया।