तीन नदियों के संगम पर शुरू हुआ ‘राजिम माघी पुन्नी मेला’ | 17 Feb 2022

चर्चा में क्यों?

16 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ‘राजिम माघी पुन्नी मेला’का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • ‘राजिम माघी पुन्नी मेला’ तीन नदियों (त्रिवेणी) के संगम पर शुरू हुआ, जिसमें भक्तों ने पवित्र स्नान किया और देवताओं की पूजा की। इसका समापन 1 मार्च को होगा।
  • उल्लेखनीय है कि राजिम शहर और उसका मंदिर तीन नदियों- सोंदूर, पर्री और महानदी के संगम पर स्थित है जिसे छत्तीसगढ़ का ‘प्रयागराज’माना जाता है। प्रत्येक वर्ष ‘माघ पुन्नी’ के दौरान, भक्त संगम पर पवित्र डुबकी लगाते हैं।
  • त्रिवेणी आरती के रचनाकार पंडित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने बताया कि माघ के महीने में सभी नदियों का जल गंगा स्वरूप हो जाता है और महानदी तो साक्षात् गंगा है। पुराणों में चित्रोत्पला कहकर इसकी स्तुति की गई है। त्रेतायुग में जगदंबा जानकीजी के द्वारा श्रीराम वनगमनकाल में इसके संगम के बीचोबीच बालू की रेत से शिवलिंग प्रतिष्ठापित किया गया था और उनका चित्रोत्पलेश्चर कहकर पूजन-अभिषेक किया गया था, जो कालांतर में कुलेश्वर हो गया।
  • इस मेले में राज्य और देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले संतों को ‘संत निवास’प्रदान किया गया है।
  • इस 14 दिवसीय मेले के लिये विशेष परिवहन और स्वच्छता, पेयजल, शौचालय और पार्किंग क्षेत्र सुनिश्चित किया गया है।
  • इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे, जिसके लिये राजीव लोचन मंदिर के पास मंच बनाया गया है।