राजस्थान में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु प्रयास | 10 Oct 2025

चर्चा में क्यों? 

राजस्थान शिक्षा विभाग ने छात्रों में आधारभूत साक्षरता को सुदृढ़ करने और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की समग्र गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक चार-भागीय कार्य योजना तैयार की है। 

  • प्रस्तावित कार्यक्रम का उद्देश्य राजस्थान को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के कार्यान्वयन में एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित करना, सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाना, बच्चों की रोज़गारक्षमता में सुधार करना और राष्ट्रीय शैक्षिक रैंकिंग में नेतृत्व करना है। 

योजना के मुख्य केंद्र बिंदु  

  • छात्रों का उत्थान: 
    • डिजिटल निगरानी: छात्रों की उपस्थिति को डिजिटल रूप से निगरानी में रखा जाएगा, ताकि निरंतर भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। 
    • पाठ्यपुस्तक वितरण: पाठ्यपुस्तकों का समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाएगा, आदर्श रूप से शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत के एक महीने के भीतर। 
    • भावनात्मक सशक्तीकरण: सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षा पर विशेष वीडियो सेमिनार आयोजित किये जाएँगे, साथ ही छात्रों को तनाव और भावनात्मक चुनौतियों से निपटने में सहायता करने के लिये परामर्श शिविर (Counseling Camps) भी आयोजित किये जाएँगे। 
    • बोर्ड परीक्षा समर्थन: बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को दो क्वेश्चन बैंक या मूल्यांकन सामग्री प्रदान की जाएगी, साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा ऑन-कॉल सहायता भी दी जाएगी। 
    • प्रतियोगी परीक्षा तैयारी: माध्यमिक कक्षाओं के उच्च प्रदर्शन करने वाले छात्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें अध्ययन सामग्री प्रदान की जाएगी या प्रतियोगी परीक्षा सामग्री खरीदने के लिये प्रतिपूर्ति दी जाएगी।
  • विद्यालय विकास: 
    • विद्यालय श्रेणीकरण: छात्रों के परीक्षा परिणाम, शैक्षणिक प्रदर्शन और खेल उपलब्धियों के आधार पर विद्यालयों को स्वर्ण (Gold), रजत (Silver) और कांस्य (Bronze) श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा। 
    • स्वर्ण विद्यालय: उच्च प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को संसाधन आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। 
  • शिक्षक सशक्तीकरण: 
    • शिक्षक स्थानांतरण नीति: नई शिक्षक स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण को छात्रों के प्रदर्शन और अन्य मानकों के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि दक्ष शिक्षक उन विद्यालयों में नियुक्त हों जहाँ वे अधिकतम प्रभाव डाल सकें।
    • विशिष्ट शिक्षक चयन: उत्कृष्ट शैक्षणिक परिणाम वाले शिक्षकों का चयन राज्य स्तरीय विशेष संस्थानों के लिये किया जाएगा, जिससे संस्थागत स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो सके। 
  • अभिभावक सहभागिता: 
    • मेगा अभिभावक-शिक्षक बैठकें: पूरे राज्य में मासिक बैठकें आयोजित की जाएँगी ताकि अभिभावकों को अपने बच्चों की शैक्षणिक प्रगति से जोड़ा जा सके और वे अपने बच्चे की सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा सकें।