प्राडा द्वारा कोल्हापुरी डील साइन | 12 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
इतालवी लग्जरी ब्रांड प्राडा ने लगभग 2,000 जोड़ी कोल्हापुरी चप्पलों का एक सीमित संस्करण संग्रह लॉन्च करने के लिये एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- भारत में निर्मित: ये सैंडल महाराष्ट्र और कर्नाटक में बनाए जाएँगे, जिनमें पारंपरिक भारतीय शिल्प कौशल को प्राडा के समकालीन डिज़ाइन के साथ जोड़ा जाएगा।
- कीमत और उपलब्धता: कोल्हापुरी सैंडल की कीमत लगभग 800 यूरो (930 डॉलर) होगी और ये फरवरी से विश्व भर के चुनिंदा प्राडा स्टोर्स के साथ-साथ इसकी वेबसाइट पर भी उपलब्ध होंगे।
- उत्पत्ति एवं भूगोल: यह कोल्हापुर (महाराष्ट्र) और आसपास के ज़िलों जैसे सांगली, सतारा और सोलापुर में हस्तनिर्मित है, जो 12वीं -13वीं शताब्दी से संबंधित है और मूल रूप से शाही परिवार के लिये तैयार की गई थी।
- कारीगरी: इसे गाय, भैंस या बकरी द्वारा वनस्पति-टैन (vegetable-tanned) चमड़े से निर्मित किया गया है, पूरी तरह से हाथ से निर्मित है, इसमें कील या कृत्रिम घटकों का उपयोग नहीं किया गया है।
- डिज़ाइन की विशेषताएँ: यह अपने टी-स्ट्रैप आकार, बारीक बुनाई और खुले पंजे वाले डिज़ाइन के लिये जाना जाता है, जो ज्यादातर टैन या गहरे भूरे रंग में उपलब्ध होता है।
- भौगोलिक संकेत (GI) का दर्जा: इसे वर्ष 2019 में भौगोलिक संकेत (GI) का दर्जा दिया गया था, जिसमें महाराष्ट्र और कर्नाटक के आठ ज़िले शामिल हैं।
- GI टैग विशिष्ट भौगोलिक मूल वाले उत्पादों की पहचान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि उस क्षेत्र के केवल अधिकृत उपयोगकर्त्ता ही उस नाम का उपयोग कर सकें।
