पोषण एप में तकनीकी समस्या से पंजीकरण बाधित | 18 Jul 2025

चर्चा में क्यों?

केंद्र के पोषण ट्रैकर एप में तकनीकी समस्याओं के कारण हरियाणा में, विशेषकर रोहतक जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में, लाभार्थी पंजीकरण में बाधा आ रही है।

  • इससे पोषण अभियान योजना के अंतर्गत आहार और पोषण संबंधी लाभ प्रदान करने में अवरोध उत्पन्न हुआ है। 

मुख्य बिंदु

  • पोषण ट्रैकर एप के बारे में: 
    • यह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य पोषण अभियान के कार्यान्वयन की निगरानी करना है।
    • 1 जुलाई 2025 से, मंत्रालय ने यह अनिवार्य कर दिया है कि सभी लाभार्थियों को चेहरे की पहचान और आधार-आधारित ई-केवाईसी के माध्यम से एप पर पंजीकृत किया जाए।
    • इसके अतिरिक्त, बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों के आधार विवरण के माध्यम से पंजीकृत किया जाना चाहिये।
  • पोषण अभियान के बारे में: 
    • इसे वर्ष 2018 में राजस्थान के झुंझुनू ज़िले से लॉन्च किया गया था।
    • यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य पोषण संबंधी परिणामों में सुधार लाना है।
  • हरियाणा में कार्यान्वयन:
    • हरियाणा के सभी ज़िलों में पोषण अभियान लागू किया जा रहा है।
    • प्रथम चरण में नूंह और पानीपत ज़िलों का चयन किया गया।
    • द्वितीय चरण में इसमें गुरूग्राम, रोहतक, सोनीपत, सिरसा और करनाल जैसे 10 ज़िले शामिल किये गए।
    • चरण III में शेष ज़िलों को इसके अंतर्गत कवर किया गया।
  • उद्देश्य: 
    • इस मिशन का लक्ष्य 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों में बौनेपन और कम वज़न की समस्या को रोकना तथा कम करना है।
    • इसका लक्ष्य बच्चों (6-59 महीने), महिलाओं और किशोरियों (15-49 वर्ष की) में एनीमिया को कम करना है, साथ ही जन्म के समय कम वज़न वाले बच्चों की संख्या में कमी लाना है।
  • मुख्य घटक:
    • ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस सभी आँगनवाड़ी केंद्रों को प्रदान की गई हैं ताकि बच्चों के विकास पर निगरानी रखी जा सके।
    • स्मार्टफोन और पावर बैंक आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा पर्यवेक्षकों को फील्ड स्तर पर डाटा प्रविष्टि एवं रिपोर्टिंग के लिये वितरित किये गये हैं।
  • सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन गतिविधियाँ:.
    • सामुदायिक आधारित कार्यक्रम (CBEs) हर माह की 8 और 22 तारीख को आँगनवाड़ी केंद्रों पर आयोजित किये जाते हैं, जिनमें अन्नप्राशन दिवस तथा सुपोषण दिवस जैसे विषय शामिल होते हैं।
    • गाँव स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस (VHSND) हर माह की 15 तारीख को स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से आयोजित किया जाता है, जिसमें टीकाकरण तथा स्वास्थ्य परीक्षण पर ज़ोर दिया जाता है।
    • पोषण पखवाड़ा मार्च में तथा पोषण माह सितंबर में मनाया जाता है, जिनमें जागरूकता अभियानों, रैलियों और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से पोषण पर ज़ोर दिया जाता है।

मिशन पोषण 2.0 (हरियाणा) के अंतर्गत राज्य स्तरीय योजनाएँ

मिशन पोषण 2.0 (हरियाणा) के अंतर्गत राज्य स्तरीय योजनाएँ

  • मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के तहत आँगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को हर सप्ताह 6 दिन 200 मिली फोर्टिफाइड स्किम्ड दूध (विटामिन A और D3 युक्त) प्रदान किया जाता है।
  • मोटे अनाज आधारित व्यंजन पुस्तिका लॉन्च की गई है, जिससे पारंपरिक पौष्टिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा दिया जा सके; आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता इसके अंतर्गत पकवान प्रदर्शन आयोजित करती हैं।
  • महिला एवं बाल विकास विभाग ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ साझेदारी की है ताकि खाद्य फोर्टिफिकेशन को बढ़ावा दिया जा सके और पूरक पोषण कार्यक्रम को मज़बूत किया जा सके।
  • हरियाणा में पोषण जागृति माह और पोषण पखवाड़ा मनाया जाता है, जिसके दौरान 20 लाख से अधिक पोषण जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।
  • इनमें अन्नप्राशन समारोह, वृद्धि निगरानी अभियान, योग सत्र तथा गंभीर रूप से कुपोषित (SAM) बच्चों की पहचान एवं रेफरल शामिल होते हैं।