प्रधानमंत्री ने इंदौर में मिल्क पाउडर प्लांट का उद्घाटन किया | 13 Oct 2025

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्तूबर, 2025 को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक मिल्क पाउडर प्लांट का वर्चुअली/आभासी उद्घाटन किया।

  • यह सुविधा कई कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं के हिस्से के रूप में शुरू की गई, जिनका उद्घाटन नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान किया गया। यह पहल सरकार की ग्रामीण और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: यह प्लांट इंदौर को-ऑपरेटिव मिल्क यूनियन द्वारा राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के तहत लागू किया गया है। ₹76.5 करोड़ की इस सुविधा की दैनिक मिल्क पाउडर उत्पादन क्षमता 30 मीट्रिक टन है।
  • उद्देश्य: दुग्ध का मूल्य संवर्द्धन, डेयरी किसानों के लिये उचित मूल्य सुनिश्चित करना और मध्य प्रदेश के डेयरी क्षेत्र में सहकारी-नेतृत्व वाली वृद्धि को प्रोत्साहन प्रदान करना।
  • लक्ष्य: मध्य प्रदेश का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में भारत के कुल दुग्ध उत्पादन में अपने वर्तमान 9% हिस्से को 20% तक बढ़ाना है।
    • राज्य सरकार दुग्ध का उचित मूल्य दिलाने और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से निरंतर सहयोग प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है।
  • महत्त्व: नया मिल्क प्लांट ग्रामीण डेयरी क्षेत्र में मूल्य संवर्द्धन और रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देता है, साथ ही आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करते हुए सहकारिता संस्थाओं और महिलाओं को सशक्त बनाता है।

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)

  • सारांश: यह योजना वर्ष 2014 में प्रारंभ की गई थी और वर्ष 2021 में पुनर्गठित की गई। यह एक केंद्रीय क्षेत्र योजना (Central Sector Scheme) है, जिसे मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा लागू किया जा रहा है।
  • उद्देश्य: डेयरी अवसंरचना को सुदृढ़ करना, तकनीकी सहायता के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ाना, किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करना और लाभकारी दुग्ध संघों एवं यूनियनों का पुनरुद्धार करना।
  • घटक:
    • डेयरी अवसंरचना: दुग्ध सहकारी समितियों (Dairy Cooperative Societies- DCS) तथा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों (Milk Producer Companies - MPC) के माध्यम से दुर्गम एवं पिछड़े क्षेत्रों में दूध शीतलन संयंत्र, परीक्षण प्रयोगशालाएँ और प्रमाणन प्रणालियाँ जैसी आवश्यक सुविधाएँ विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
    • सहकारिता के माध्यम से डेयरी (Dairying through Cooperatives- DTC):
      यह जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) द्वारा समर्थित एक पहल है, जिसका उद्देश्य नौ राज्यों में उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को सुधारकर सतत् डेयरी सहकारिताओं को प्रोत्साहित करना है।