उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी बनाने का प्लान तैयार | 07 Nov 2022

चर्चा में क्यों?

6 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रस्ताव को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये सरकार 2027 तक 40 लाख करोड़ रुपए की धनराशि खर्च करेगी, जिसके अंतर्गत यह धनराशि बुनियादी ढाँचा, स्वास्थ्य, न्यायिक प्रणाली, शिक्षा, भारी उद्योग आदि पर खर्च होगी।
  • सरकार के अनुसार वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था पाने के लिये सालाना विकास दर 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ानी होगी और प्रदेश में हर वर्ष होने वाली जीएसडीपी के निवेश को बढ़ाकर 43 से 47 प्रतिशत करना होगा। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लक्ष्य को बढ़ाकर वर्तमान का 45 प्रतिशत तक ले जाना होगा, जिससे प्रदेश में अधिक-से-अधिक इकाइयाँ तो लगेंगी ही, साथ में रोज़गार भी बढ़ेगा और प्रदेश की इकॉनमी मज़बूत होगी।  
  • प्रदेश में निवेशकों को लुभाने के लिये इन्वेस्टमेंट नीति का खाका तैयार किया गया है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और नई इकॉनमी को विभिन्न चरणों में बाँटने के साथ इस पर ज़ोर दिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर को दो भागों में बाँटा गया है, जिसके हार्ड और सॉफ्ट दो हिस्से हैं। हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में लॉजिस्टिक के साथ पावर और एनर्जी शामिल हैं, जबकि सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में नियामक, न्यायिक प्रणाली, शिक्षा, स्वास्थ्य को शामिल किया गया है। इसके अलावा सर्विस में पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य को शामिल किया गया है।
  • सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत पूरे प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था के लिये राज्य सरकार को वर्ष 2022 से 2027 के बीच करीब 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करने होंगे, जिनमें 24 लाख बेड के अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इसके लिये करीब 4.35 लाख डॉक्टर्स और 17 लाख नर्स की भर्ती की जाएगी।
  • हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत अधीनस्थ न्यायालय में 1092 जज की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा हाईकोर्ट में 90 नए जज की नियुक्ति की जाएगी। प्रदेश में 13 लाख करोड़ रुपए बिजली, 25 लाख करोड़ रुपए रोड और 200 करोड़ रुपए न्यायिक प्रणाली पर खर्च किये जाएंगे।