अंतरिक्ष में होने का अहसास कराएगा पटना का अत्याधुनिक तारामंडल | 22 Feb 2022

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कोलकाता से आई 6 सदस्यीय टीम ने पटना स्थित तारामंडल का निरीक्षण किया, जिसके उपरांत इस तारामंडल को डिजिटल बनाने का कार्य शुरू हो गया है।

प्रमुख बिंदु

  • पटना तारामंडल देश का पहला ऐसा तारामंडल होगा, जहाँ 6 रेड, ग्रीन और ब्ल्यू (आरजीबी) प्योर लेज़र प्रोजेक्टर लगाए जाएंगे। इन प्रोजेक्टर में रंगों के अनेक प्रकार हैं।
  • ये प्रोजेक्टर आरजीबी किरणों को कंप्यूटर के माध्यम से मिलाकर शो के लिये वास्तविक रंगों का निर्माण करेंगे, जिससे दर्शकों को तारामंडल में अंतरिक्ष में होने का अहसास होगा।
  • यह प्रोजेक्शन सिस्टम 16 मीटर डायमीटर डोम एरिया के अनुरूप उपयुक्त एवं आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसकी कुल लागत 36 करोड़ 13 लाख 20 हज़ार रुपए होगी।
  • इस प्रोजेक्टर से 2डी और 3डी शो देखने की सुविधा मिलेगी।
  • गौरतलब है कि देश में 22 तारामंडल हैं, जिनमें से कोलकाता साइंस सिटी और कर्नाटक पिलिकुला स्वामी विवेकानंद प्लेटरियम में 3डी प्रोजेक्टर लगा हुआ है। बाकी सभी तारामंडलों में 2डी प्रोजेक्टर लगे हैं।
  • विदत है कि बिहार में पटना के अलावा गया और भागलपुर में भी तारामंडल का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
  • आरजीबी प्योर लेज़र प्रोजेक्टर की आयु 40 हज़ार से अधिक घंटे की होती है। इसमें कूलिंग सिस्टम लगा रहता है। इस प्रोजेक्टर से आँखों पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता। डिजिटल प्रोजेक्टर की अपेक्षा इसमें ब्राइटनेस अधिक होती है।