बिरसा हरित ग्राम योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर वर्चुअल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन | 30 Apr 2022

चर्चा में क्यों?

29 अप्रैल, 2022 को मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने बिरसा हरित ग्राम योजना के वित्तीय वर्ष 2022-23 में सफल क्रियान्वयन को लेकर आयोजित वर्चुअल प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षुओं और अधिकारियों को योजना के लक्ष्य के अनुरूप कार्य करते हुए सीपीटी (पशुरोधक खाई) का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर राजेश्वरी बी ने उपस्थित अधिकारियों को मिश्रित बागवानी के द्वारा आमजनों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में मिश्रित बागवानी के तहत किसानों को आम, नीबू, अमरूद एवं इमारती पौधा लगवाने के लिये प्रेरित करने के लिये निर्देश दिया।
  • उल्लेखनीय है कि 4 मई, 2020 को झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों के लिये रोज़गार उत्पन्न करने के उद्देश्य से तीन श्रम गहन कार्यक्रमों- ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’, ‘नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना’ और ‘वीर शहीद पोतो हो खेल विकास योजना’ की शुरुआत की थी।
  • बिरसा हरित ग्राम योजना का उद्देश्य वनीकरण हेतु दो लाख एकड़ से अधिक अप्रयुक्त सरकारी परती भूमि का उपयोग करना है।
  • इसके तहत लगभग पाँच लाख परिवारों को 100 फल देने वाले पौधे दिये जाएँगे और इनके वृक्षारोपण, रखरखाव, भूमि कार्य एवं वनीकरण कार्य की ज़िम्मेदारी उन ग्रामीण परिवारों के पास होगी, जबकि भूमि का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा।
  • इस योजना के तहत अगले कुछ महीनों में पाँच करोड़ से अधिक फल देने वाले पौधे लगाए जाने की उम्मीद जताई गई है।
  • इस योजना से प्रत्येक परिवार को तीन वर्ष के बाद इन पौधों से लगभग 50,000 रुपए की वार्षिक आय प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया है।