ऑपरेशन कन्विक्शन | 03 Jul 2025

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश ने सख्त ज़ीरो टॉलरेंस नीति के माध्यम से अपनी कानून और व्यवस्था की स्थिति में परिवर्तन देखा है, जिसमें ऑपरेशन कन्विक्शन भी शामिल है, जो त्वरित दोषसिद्धि सुनिश्चित करने और गंभीर अपराधों से निपटने पर केंद्रित है।

मुख्य बिंदु

  • ऑपरेशन कन्विक्शन और प्रभाव:
    • जुलाई 2023 में लॉन्च किया गया ऑपरेशन कन्विक्शन फास्ट-ट्रैक अभियोजन पर ध्यान केंद्रित करके त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण रणनीति के रूप में उभरा है, जिससे सज़ा दरों में महत्त्वपूर्ण सुधार हुआ है।
      • बच्चों के विरुद्ध अपराधों में, कई लोगों को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 के अंतर्गत मृत्युदंड दिया गया तथा 600 से अधिक को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई।
      • शीर्ष अपराधियों और कुख्यात माफियाओं से संबंधित मामलों में महत्त्वपूर्ण सज़ाएँ प्राप्त हुई हैं, जो संगठित अपराध पर ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित करता है।
  • POCSO अधिनियम, 2012: 
  • परिचय: 
    • POCSO अधिनियम बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार से निपटने के लिये बनाया गया था, जिसमें 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को बच्चा माना गया है।
    • इसे भारत द्वारा बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (1992) के अनुसमर्थन के परिणामस्वरूप अधिनियमित किया गया था।
  • प्रमुख विशेषताएँ: 
    • यह अधिनियम लैंगिक भेदभाव रहित है, जो लड़के और लड़कियों दोनों को यौन शोषण से बचाता है। इसमें विशेष न्यायालयों द्वारा अंतरिम मुआवज़ा और तत्काल ज़रूरतों के लिये बाल कल्याण समिति (CWC) के माध्यम से तत्काल राहत का प्रावधान है।
    • कानूनी कार्यवाही के दौरान बच्चे की सहायता के लिये एक सहायक व्यक्ति नियुक्त किया जाता है। धारा 23 मीडिया में पीड़ित की पहचान के प्रकटीकरण पर रोक लगाकर गोपनीयता सुनिश्चित करती है।
  • संगठित अपराध:
    • संगठित अपराध को एक साथ काम करने वाले समूहों या नेटवर्क द्वारा की जाने वाली अवैध गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसमें अक्सर वित्तीय या भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिये हिंसा, भ्रष्टाचार या संबंधित कार्य शामिल होते हैं।
    • अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध (TOC) तब होता है जब गतिविधियाँ या समूह कई देशों में संचालित होते हैं।
    • संगठित अपराध के विभिन्न रूपों में शामिल हैं: