बांसवाड़ा में परमाणु ऊर्जा संयंत्र | 20 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के माही-बांसवाड़ा में नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखेंगे, जिससे राज्य के ऊर्जा क्षेत्र को मज़बूत बनाने में मदद मिलेगी।
- इसके साथ ही, वे 1.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक की अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।
मुख्य बिंदु
- प्रस्तावित माही-बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण 1,366 एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा, जिसकी स्थापित क्षमता 2,800 मेगावाट होगी और इसे वर्ष 2036 तक पूरा करने की उम्मीद है।
- लगभग 50,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में चार स्वदेशी 700 मेगावाट क्षमता वाले दाबयुक्त भारी जल रिएक्टर (PHWR) लगाए जाएंगे।
- यह परियोजना भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के व्यापक रणनीतिक प्रयास का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
- वर्तमान स्थिति: वर्तमान में भारत में 220 मेगावाट क्षमता के 15 PHWR, 540 मेगावाट क्षमता के 2 PHWR तथा राजस्थान के रावतभाटा में 700 मेगावाट क्षमता का एक रिएक्टर संचालित है।
- PHWR एक प्रकार का परमाणु रिएक्टर है, जो भारी पानी (ड्यूटेरियम ऑक्साइड, D₂O) को शीतलक और मंदक दोनों के रूप में उपयोग करता है, जबकि प्राकृतिक या थोड़ा समृद्ध यूरेनियम ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- नियामक: परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (AERB) भारत का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण है, जो देश में परमाणु ऊर्जा और विकिरण प्रौद्योगिकियों के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने हेतु उत्तरदायी है।
- परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 के तहत वर्ष 1983 में स्थापित यह बोर्ड, परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के अंतर्गत स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करता है।
- कुल क्षमता: भारत की वर्तमान परमाणु ऊर्जा क्षमता 8.18 गीगावाट (2024) है, जिसे वर्ष 2031-32 तक 22.48 गीगावाट और 2047 तक 100 गीगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।