उत्तर प्रदेश में ‘ रात्रिकालीन लैंडिंग’ हवाई पट्टी | 02 May 2025

चर्चा में क्यों

उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे का 3.5 किमी. हिस्सा देश का पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे होगा, जहाँ भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान रात्रिकालीन लैंडिंग कर सकेंगे।

मुख्य बिंदु

  • गंगा एक्सप्रेस-वे के बारे में:
    • गंगा एक्सप्रेस-वे मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है।
    • यह 594 किमी. की अनुमानित लंबाई वाला एक महत्त्वाकांक्षी पहल है।
    • राज्य को पूर्व से पश्चिम तक जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे 12 ज़िलों के 518 गाँवों से होकर गुज़रेगा, जिससे मेरठ और प्रयागराज के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
  • रणनीतिक दृष्टिकोण
    • उत्तर प्रदेश में अब तीन ऐसे एक्सप्रेस-वे हैं, जहाँ लड़ाकू विमानों की लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध हैलखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे
    • यह पहली बार है जब भारत में किसी एक्सप्रेस-वे पर रात में राफेल, मिराज और जगुआर जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान लैंड करेंगे
    • यह हवाई पट्टी युद्ध अथवा आपदा की स्थिति में भारतीय वायुसेना के लिये एक वैकल्पिक रनवे के रूप में कार्य करेगी। 

राफेल

  • राफेल (Rafale) फ्रांँस का डबल इंजन वाला और मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जिसे फ्रांँस की डसॉल्ट एविएशन कंपनी द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
  • इस लड़ाकू विमान में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है और यह एक 4.5 जेनरेशन (4.5 Generation) वाला लड़ाकू विमान है।
  • राफेल लड़ाकू विमान में मौजूद मीटीओर मिसाइल (Meteor Missile), SCALP क्रूज मिसाइल (Scalp Cruise Missile) और MICA मिसाइल प्रणाली (MICA Missile System) इसे सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण बनाती हैं।
  • राफेल 2,222.6 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार और 50,000 फीट की ऊँचाई तक उड़ सकता है।
  • यह लड़ाकू विमान लगभग 15.27 मीटर लंबा है और यह अपने साथ एक बार में 9,500 किलोग्राम बम और गोला-बारूद ले जा सकता है।

जगुआर

  • जगुआर एक बहुमुखी विमान है, जिसका उपयोग ज़मीनी हमले, हवाई रक्षा और टोही मिशनों (Reconnaissance missions)  के लिये किया जाता है। 
    • यह पाँचवीं पीढ़ी (5G) का लड़ाकू विमान है, जो अत्यधिक संघर्ष वाले युद्ध क्षेत्रों में परिचालन करने में सक्षम है तथा इसमें वर्तमान और संभावित दोनों प्रकार के सबसे उन्नत हवाई और ज़मीनी खतरों की उपस्थिति को रेखांकित किया गया है।
    • 5G लड़ाकू विमानों में स्टेल्थ क्षमता होती है और वे आफ्टर बर्नर का उपयोग किये बिना सुपरसोनिक गति से उड़ान भर सकते हैं।
    • यह अपनी बहु-स्पेक्ट्रल निम्न-अवलोकनीय डिज़ाइन, आत्म-सुरक्षा, रडार जैमिंग क्षमताओं और एकीकृत एवियोनिक्स के कारण चौथी पीढ़ी (4G) के समकक्षों से अलग है।
    • मिग-21, मिग-29, जगुआर और मिराज 2000 के स्क्वाड्रनों को अगले दशक के मध्य तक चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाएगा।