उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 लागू | 13 Jul 2022

चर्चा में क्यों?

12 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा निदेशालय में ‘बाल वाटिका’ (प्राइमरी से पहले की कक्षा) का शुभारंभ करते हुए उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 लागू की। सरकार का दावा है कि ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश के सभी विकासखंडों के आँगनबाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों में ‘बाल वाटिका’ कक्षाएँ आरंभ कर दी गईं। निजी स्कूलों में नर्सरी में होने वाली पढ़ाई, अब आँगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ‘बाल वाटिका’ कक्षा में कराई जाएगी।
  • राज्य में 20 हज़ार से अधिक आँगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। प्रथम चरण में इनमें से शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पाँच हज़ार आँगनबाड़ी केंद्रों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू होगा।
  • आँगनबाड़ी केंद्रों में ‘बाल वाटिका’ कक्षाओं में बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाया जाएगा। इसके लिये पाठ्यक्रम तैयार हो चुका है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यक्रम में आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं व शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका और बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिकाएँ (स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन) तैयार की हैं।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एससीईआरटी भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिये पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया, साथ ही क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण आँगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत की घोषणा की।
  • शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4,447 आँगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में प्री-प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिये तैयार किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्री-प्राइमरी को ‘बाल वाटिका’ नाम दिया गया है। विभाग की ओर से इसके लिये अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
  • उत्तराखंड में 20 हज़ार 67 आँगनबाड़ी केंद्र मंजूर हैं। इसमें से 20 हज़ार 17 आँगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। इन केंद्रों में 14,555 आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता तैनात हैं। इसके अलावा आँगनबाड़ी केंद्रों में 14,249 सहायिकाएँ एवं 4,941 मिनी आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता कार्य कर रही हैं।