झारखंड की शिप्रा मिश्रा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चयनित | 26 Aug 2022

चर्चा में क्यों?

25 अगस्त, 2022 को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिये चयनित देश के विभिन्न राज्यों के 46 शिक्षकों के नाम की अंतिम सूची जारी की। इसमें झारखंड की शिप्रा मिश्रा का नाम भी शामिल है।

प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर वर्ष 2022 के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगी। पुरस्कार के तौर पर शिक्षक-शिक्षिकाओं को 50 हज़ार रुपए की राशि और सिल्वर मेडल दिया जाएगा।
  • पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर स्थित टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू हाईस्कूल, कदमा की विज्ञान शिक्षिका शिप्रा मिश्रा झारखंड से एकमात्र शिक्षक हैं, जिनके नाम पर पुरस्कार के लिये शिक्षा मंत्रालय ने अंतिम मुहर लगाई। हालाँकि राज्य से कुल तीन शिक्षकों के नाम इस पुरस्कार के लिये भेजे गए थे।
  • शिप्रा मिश्रा मूल रूप से बिहार के पूर्णिया ज़िले से है। उन्होंने स्कूल को राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने में शिक्षिका का अहम योगदान है। वे स्कूल में छात्रों को विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने में लगातार अपने स्तर से कार्य करती रही हैं।
  • शिप्रा की एक छात्रा नेहा सरदार का स्मार्ट विलेज के मॉडल ने विज्ञान प्रदर्शनी में राज्य स्तर पर पुरस्कार जीता था। हाल ही में आईएसएम, धनबाद में आयोजित प्रतियोगिता में सरकारी स्कूलों की श्रेणी में टाटा वर्कर्स यूनियन हाई स्कूल के छात्रों द्वारा बनाए गए ऑटोमेटिक क्लीन टॉयलेट (Automatic Clean Toilet) के प्रोजेक्ट को ओवरऑल श्रेणी के पुरस्कार के लिये चयनित किया गया था।
  • शिप्रा मिश्रा को अब तक कई अवार्ड मिल चुके हैं। रोटरी क्लब की ओर से वर्ष 2017 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान, इनर व्हील क्लब की ओर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान, वर्ष 2019 में राज्य स्तर का शिक्षक पुरस्कार तथा 2020 में एनएमएल द्वारा बेस्ट साइंस टीचर्स अवार्ड मिल चुका है।
  • गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रतिवर्ष 5 सिंतबर को एक राष्ट्रीय समारोह का आयोजन करता है, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
  • पुरस्कारों के लिये शिक्षकों का चयन ऑनलाइन तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया के जरिए पारदर्शी तरीके से किया जाता है।
  • शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के शिक्षकों के अनूठे योगदान को  रेखांकित करना और ऐसे शिक्षकों का सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व परिश्रम से न सिर्फ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।