राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र | 01 Jan 2022

चर्चा में क्यों?

31 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले छत्तीसगढ़ के 7 सरकारी अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। 

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही कोंडागाँव ज़िला अस्पताल को प्रसव कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर की उत्कृष्ट सुविधाओं तथा प्रसूताओं एवं गर्भवती महिलाओं की अच्छी देखभाल के लिये ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र (LaQshya Certification) प्रदान किया गया है। 
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश के दो ज़िला अस्पतालों, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा तीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को गुणवत्ता प्रमाण-पत्र से नवाजा है। 
  • भारत सरकार द्वारा मुंगेली ज़िला चिकित्सालय और नारायणपुर ज़िला चिकित्सालय को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। 
  • वहीं बलौदाबाज़ार-भाटापारा ज़िले के कटगी और गरियाबंद के कोपरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र मिला है। 
  • रायपुर के राजातालाब और हीरापुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा सरगुजा ज़िले के नवापारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र से नवाज़ा गया है। 
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के अंतर्गत उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों के नियमित प्रशिक्षण के बाद अस्पतालों का आंतरिक तथा राज्य स्तरीय मूल्यांकन, सेवा प्रदाय ऑडिट तथा पेशेंट संतुष्टि सर्वे की प्रक्रिया की जाती है। 
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम द्वारा विगत नवंबर माह में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र और ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र के लिये चयनित अस्पतालों का निरीक्षण कर वहाँ मरीजों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया था। उन्होंने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था। 
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र और ‘लक्ष्य’प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का कई मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।