राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस 2025 | 10 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के प्रवर्तन की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है। यह अधिनियम सभी नागरिकों, विशेषकर वंचित एवं दुर्बल वर्गों को निशुल्क और निष्पक्ष न्याय तक समान पहुँच सुनिश्चित करने हेतु वर्ष 1995 में प्रभावी हुआ था।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस:
- इस दिवस की शुरुआत विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा की गई थी ।
- यह दिवस नागरिकों के कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, सभी के लिये न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने और समाज के कमज़ोर वर्गों के लिये न्याय के सिद्धांत को बनाए रखने के लिये मनाया जाता है।
- विधिक ढाँचा:
- विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत गठित इस तंत्र में शामिल प्रमुख संस्थाएँ हैं-
- NALSA (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण): भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में।
- SLSA (राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण): संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की अध्यक्षता में।
- DLSA (ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण): संबंधित ज़िला न्यायाधीशों की अध्यक्षता में।
- यह ढाँचा आर्थिक और सामाजिक रूप से कमज़ोर वर्गों को निशुल्क कानूनी प्रतिनिधित्व, परामर्श तथा सहायता प्रदान करता है, जिसका वित्तपोषण राष्ट्रीय, राज्य एवं ज़िला कानूनी सहायता निधियों के माध्यम से किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त, लोक अदालतें, कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली (LADCS), फास्ट ट्रैक और विशेष न्यायालय तथा ग्राम न्यायालय तथा नारी अदालत जैसी पूरक संस्थाएँ एवं योजनाएं भी इस ढाँचे के अंतर्गत कार्यरत हैं, जो विवाद समाधान एवं न्याय तक पहुँच को अधिक सुलभ व प्रभावी बनाती हैं।
- विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत गठित इस तंत्र में शामिल प्रमुख संस्थाएँ हैं-