राष्ट्रीय राजमार्ग-152डी | 02 Aug 2022

चर्चा में क्यों?

30 जुलाई, 2022 को अंबाला से नारनौल तक बनाए गए नवनिर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-152डी को आमजन के लिये खोल दिया गया, ताकि इसका परीक्षण किया जा सके।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-152डी परियोजना अंबाला से जयपुर तक की यात्रा के समय को 4 से 5 घंटे कम कर देगी। इससे एनसीआर के ट्रैफिक का मेजर डायवर्जन होगा, जिसके कारण प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिलेगी।
  • साथ ही, यह जयपुर हाईवे पर अंबाला से कोटपुतली तक सबसे छोटा, सबसे तेज़ और सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगा तथा पूरे हरियाणा के चौतरफा औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास की गति को तेज़ करेगा।
  • भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित यह राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-152डी 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्स ग्रीनफील्ड कॉरिडोर है, जो कुरुक्षेत्र ज़िले के इस्माईलाबाद (गंगहेड़ी) से नारनौल  तक कुल लगभग 227 किमी. लंबा है।
  • यह राजमार्ग अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर का भाग है, जो हरियाणा के 8 विभिन्न ज़िलों- कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ के लगभग 112 गाँवों से होकर गुज़रता है। यह आगे नारनौल बाईपास तथा फिर एनएच-148बी से जुड़ा है, जो कोटपुतली के पास पनियाला मोड़ पर दिल्ली-जयपुर राजमार्ग से मिलता है।
  • यह पूरा कॉरिडोर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और क्लोज टोलिंग सिस्टम से परिपूर्ण है। इसमें प्रवेश एवं निकासी के लिये कुल 16 विभिन्न स्थानों पर इंटरचेंज का निर्माण किया गया है तथा हाईवे पर होने वाली हर घटना पर कंट्रोल सेंटर के द्वारा एटीएमएस के माध्यम से पूर्ण निगरानी रखी जाएगी।
  • लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना में छ: जगहों पर विश्वस्तरीय वे साईड एमेनिटीज का भी निर्माण किया गया है, जहाँ पर लोगों के लिये टॉयलेट फेसिलिटी, ट्रॉमा सेंटर, पेट्रोल पंप, कायोस्क रेस्टोरेंट, ढाबा, चिल्ड्रेन पार्क, ट्रक एवं ट्रेलर पार्किंग इत्यादि की समुचित व्यवस्था की गई है। साथ ही, परियोजना में 16 स्थानों पर इंटरचेंज, 2 मुख्य टोल प्लाजा एवं 8 आरओबी का भी प्रावधान किया गया है।
  • इस परियोजना में लगभग 2,000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिस पर लगभग 3000 करोड़ रुपए का मुआवज़ा किसानों को वितरित किया गया है तथा इसके सिविल निर्माण कार्य पर लगभग 6,000 करोड़ रुपए की लागत आई है।
  • उपमुख्यमंत्री ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र को नया आयाम देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि अब तक जो निवेशक अपने उद्योग एनसीआर आदि क्षेत्र में लगाने को वरीयता देते थे, वे अब इस राष्ट्रीय राजमार्ग में पड़ने वाले ज़िलों में भी उद्योग लगाने को उत्सुक होंगे।
  • यह राजमार्ग हाईस्पीड एक्सिस कंट्रोल्ड के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें धीमी गति वाले वाहनों यथा मोटरसाईकिल एवं अन्य दोपहिया वाहनों, तिपहिया वाहनों, गैर-मोटर चालित वाहनों, ट्रेलर के साथ या ट्रेलर के बिना ट्रैक्टर, बहुधुरीय हाइड्रॉलिक ट्रेलर वाहनों, क्वाड्री साईकिल इत्यादि वर्जित किये गए हैं।