नरोरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन | 27 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के नरौरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन (NAPS) ने निक्षय मित्र पहल के तहत 7,970 क्षय रोग (TB) रोगियों को गोद लिया है, जिससे TB मुक्त भारत के प्रयासों के लिये सामुदायिक सहभागिता तथा समर्थन और अधिक सशक्त हुआ है।
मुख्य बिंदु
- नरौरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िला के नरौरा में गंगा नदी के तट पर स्थित है।
- इसका संचालन भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) द्वारा किया जाता है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के अधीन कार्य करता है।
- NAPS में दो दाबयुक्त भारी जल रिएक्टर (PHWR) हैं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 220 मेगावाट है, जिससे इसकी कुल स्थापित क्षमता 440 मेगावाट है।
- यह भारत का पहला परमाणु ऊर्जा केंद्र है जो मानकीकृत तथा स्वदेशी रूप से विकसित PHWR प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बनाया गया है, जो परमाणु इंजीनियरिंग में भारत की आत्मनिर्भरता में एक बड़ी उपलब्धि है।
- यह स्टेशन उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा तथा उत्तरी क्षेत्रीय ग्रिड को विद्युत् की आपूर्ति करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा ग्रिड स्थिरता को बनाए रखता है।
- NAPS अपनी सशक्त सुरक्षा संस्कृति के लिये जाना जाता है और इसे गोल्डन पीकॉक पर्यावरण प्रबंधन पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
प्रधानमंत्री TB मुक्त भारत अभियान (PMTBMBA)
- राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के एक भाग के रूप में वर्ष 2022 में शुरू किया गया, यह उपचार के परिणामों में सुधार लाने तथा भारत के TB उन्मूलन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये पोषण, नैदानिक तथा व्यावसायिक सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।
- यह अभियान विश्व की सबसे बड़ी क्राउड-सोर्सिंग पहल है, जो TB रोगियों के पोषण हेतु समर्पित है।
- निक्षय मित्र पहल, PMTBMBA का हिस्सा है, जो व्यक्तियों, NGOs और कॉर्पोरेशनों को TB रोगियों को पोषण, सामाजिक या आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये प्रोत्साहित करती है।
- निक्षय पोर्टल स्वास्थ्य कर्मियों को TB मामलों का प्रबंधन, उपचार पर नज़र रखने तथा भारत में TB की निगरानी हेतु वास्तविक समय में डेटा रिपोर्टिंग में मदद करता है।