प्रदेश की 30 पेयजल जाँच प्रयोगशालाओं को मिला ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’ | 06 Oct 2021

चर्चा में क्यों?

5 अक्टूबर, 2021 को प्रदेश के जलदाय मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बताया कि राज्य के 30 ज़िलों के ज़िलास्तरीय पेयजल गुणवत्ता जाँच प्रयोगशालाओं को ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’ (नेशनल एक्रीडिशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेट्रीज) मिला है, जबकि तीन ज़िलों को एक्रीडिशन मिलना शेष है।

प्रमुख बिंदु

  • इन 30 ज़िलों में- अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चूरू, दौसा, धौलपुर, डूँगरपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, कोटा, नागौर, पाली राजसमंद, सीकर, सिरोही, टोंक एवं उदयपुर शामिल हैं। वहीं चित्तौड़गढ़, सवाईमाधोपुर एवं प्रतापगढ़ की प्रयोगशालाओं को एक्रीडिशन मिलना  शेष है।
  • जलदाय मंत्री ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की स्वीकृत परियोजनाओं में ‘हर घर नल कनेक्शन’ के माध्यम से स्वच्छ एवं गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति की मॉनीटरिंग के लिये प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों के लिये ‘फील्ड टेस्टिंग किट’ उपलब्ध कराई गई है। 
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में वाटर क्वालिटी मॉनीटरिंग एंड सर्विलियंस (डब्ल्यूक्यूएमएस) के तहत वर्ष 2020-21 की वार्षिक योजना में 67 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। इसके तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य के 353 पंचायत समिति मुख्यालयों में से 102 में ब्लॉकस्तरीय पेयजल गुणवत्ता जाँच प्रयोगशालाएँ स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है।
  • राज्य सरकार द्वारा जयपुर में मोबाइल जाँच प्रयोगशाला संचालित है, जिसके एनएबीएल ‘रिकग्निशन’ की कार्यवाही चल रही है। साथ ही जयपुर, कोटा, अजमेर और उदयपुर संभाग के 20 अन्य ज़िलों में भी आउटसोर्स़िग के माध्यम से पेयजल गुणवत्ता जाँच के लिये संचालित मोबाइल प्रयोगशालाओं के एनएबीएल ‘रिकग्निशन’ की कार्यवाही भी प्रगति पर है। 
  • जलदाय मंत्री ने बताया कि जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के तहत जयपुर में राज्यस्तरीय प्रयोगशाला का नया भवन पानीपेच में बनाया जाएगा। 
  • उल्लेखनीय है कि देश में एनएबीएल जाँच प्रयोगशालाओं के प्रमाणीकरण के लिये राष्ट्रीय स्तर की एक स्वतंत्र संस्था है। इसके द्वारा आईएसओ/आईईसी 17025 के तहत परीक्षण प्रयोगशालाओं को एनएबीएल प्रमाणीकरण दिया जाता है। यह संस्था भारत सरकार में ‘क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया’ के तहत स्थापित है, जो लेबोरेट्रीज के ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’ के लिये ‘परफॉर्मेंस ऑडिट’ के बाद प्रमाणीकरण करती है।