टी.टी.एल. एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट को मिली अनुमति | 15 Feb 2023

चर्चा में क्यों?

14 फरवरी, 2023 को उत्तर-प्रदेश की मंत्रिपरिषद ने टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (टी.टी.एल.) एवं राज्य सरकार (व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग) के मध्य तैयार किये गए एम.ओ.ए. को हस्ताक्षरित कर अग्रेतर कार्रवाई किये जाने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।

प्रमुख बिंदु

  • इस एम.ओ.ए.के तहत टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (टी.टी.एल.) के सहयोग से प्रदेश के 150 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किये जाने हेतु राज्य सरकार एवं टी.टी.एल. के मध्य एम.ओ.ए. हस्ताक्षरित किया जाएगा। भविष्य में परियोजना के क्रियान्वयन में अपेक्षित संशोधन/परिवर्धन किये जाने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
  • इस एम.ओ.ए. के अनुसार टी.टी.एल का वित्तीय अंश 4282.9668 करोड़ रुपए एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग का अंश जी.एस.टी सहित 713 करोड़ रुपए एवं प्रत्येक चयनित आई.टी.आई. में 10 हज़ार वर्गफीट बिल्ट-अप-स्पेस (कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि) निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 477 करोड़ रुपए को सम्मिलित करते हुए राज्य सरकार का कुल वित्तीय अंश 1190 करोड़ रुपए है।
  • इस प्रकार परियोजना की कुल लागत (विभाग का कुल वित्तीय अंश 1190 करोड़ रुपए प्लस टी.टी.एल. का वित्तीय अंश 4282.9668 करोड़ रुपए) 5472.9668 करोड़ रुपए है।
  • इस एम.ओ.ए. की अवधि 10 वर्ष 9 माह है, जिसमें 9 माह परियोजना क्रियान्वयन की तैयारी हेतु निर्धारित है। हस्ताक्षरित किये जाने वाले एम.ओ.ए. में प्रथम 05 वर्ष एवं अगले 05 वर्ष की शर्तों तथा दोनों पक्षों के कार्यों का उल्लेख पृथक् से किया गया है। 10 वर्ष की अवधि के पूर्ण होने के पश्चात् दोनों हस्ताक्षरकर्ताओं की आपसी सहमति के आधार पर नवीनीकृत किये जाने पर तत्समय विचार किया जाएगा।
  • इंडस्ट्री 4.0 प्रस्तावों की मांग के अनुसार टी.टी.एल. द्वारा 150 आई.टी.आई. में 11 दीर्घ अवधि के एवं 23 अल्पकालीन अवधि के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किये जाएंगे।
  • टी.टी.एल. के प्रशिक्षकों द्वारा प्रदेश की इन आई.टी.आई. में इन नवीन पाठ्यक्रमों हेतु पूर्व से नियुत्त प्रशिक्षकों एवं साथ ही साथ आई.टी.आई. में प्रशिक्षणरत प्रशिक्षणार्थियों को भी दक्ष किया जाएगा। इससे प्रशिक्षार्थियों को टी.टी.एल. की सहयोगी कंपनियों में ओ.जे.टी. (ऑन जॉब ट्रेनिंग) व डी.एस.टी. (डुअल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग) करने का अवसर प्राप्त होगा तथा सफल प्रशिक्षार्थियों को टी.टी.एल. की सहयोगी कंपनियों एवं अन्य कंपनियों में अप्रेंटिसशिप/रोज़गार का अवसर प्राप्त होगा।
  • उन्नयन से दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से प्रति वर्ष लगभग 12 से 15 हज़ार अभ्यर्थी तथा अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से प्रति वर्ष लगभग 15 से 20 हज़ार अर्थात कुल लगभग 35 हज़ार अभ्यर्थी प्रशिक्षित होंगे।