राजस्थान में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत का गायन अनिवार्य | 28 Oct 2025

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार ने घोषणा की है कि अब शिक्षा, संस्कृत शिक्षा तथा पंचायती राज विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी विद्यालयों और कार्यालयों में प्रतिदिन राष्ट्रगान तथा राष्ट्रगीत का गायन अनिवार्य होगा।

मुख्य बिंदु

  • कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर ने राजस्थान में अनुशासन, देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने हेतु इस निर्णय की घोषणा की।
  • दैनिक राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत: सभी सरकारी विद्यालयों तथा कार्यालयों में कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से तथा समापन राष्ट्रगीत से किया जाएगा। उपस्थिति को भागीदारी से जोड़ा जाएगा।
  • निगरानी और अनुपालन: संस्थानों को प्रतिदिन जियो-टैग्ड फोटो प्रस्तुत कर भागीदारी का सत्यापन करना होगा। एक औपचारिक आदेश में कार्यान्वयन तथा गैर-अनुपालन पर दंड का प्रावधान किया जाएगा।
  • एकरूप वर्दी नीति: अगले शैक्षणिक सत्र से सभी विद्यालयों तथा शिक्षकों के लिये एक समान वर्दी लागू की जाएगी। टाई को हटाया जाएगा तथा स्थानीय अधिकारी अनुपालन की निगरानी करेंगे।
  • अतिरिक्त सुधार: सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिये पहचान-पत्र अनिवार्य होगा तथा एसएमएस प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों की उपस्थिति की सूचना अभिभावकों को प्रेषित की जाएगी।
  • महत्त्व: यह कदम राष्ट्रीय एकता, अनुशासन, जवाबदेही और समानता को प्रोत्साहित करता है तथा विद्यालयों तथा कार्यालयों में पारदर्शिता एवं एकरूपता सुनिश्चित करता है।

राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत 

  • जन-गण-मन (राष्ट्रगान) मूल रूप से रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा बांग्ला में रचित (1911 में) था। इसे हिंदी में भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया। 
  • भारत का राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” है, जिसे बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था।
    • यह गीत पहली बार वर्ष 1870 में लिखा गया था और बाद में वर्ष 1882 में उनके उपन्यास "आनंदमठ" में सम्मिलित किया गया।
    • इसे पहली बार वर्ष 1896 के INC सत्र में गाया गया था। 
    • यह एक देशभक्तिपूर्ण गीत है, जो भारत माता के प्रति श्रद्धा का प्रतिनिधित्व करता है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रेरणा का स्रोत था। 
  • भारत के राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान दोनों को संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था।