राजस्थान में मलेरिया उन्मूलन | 02 May 2025

चर्चा में क्यों

विश्व मलेरिया दिवस 2025 के अवसर पर राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर मलेरिया उन्मूलन के लिये श्रेणी-1 में शामिल किया गया है।

मुख्य बिंदु

  • मलेरिया मामलों में भारी गिरावट:
    • मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियों से निपटने के लिये किये गये प्रभावी उपायों और नवाचारों के चलते राजस्थान अब मलेरिया उन्मूलन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
    • राज्य जनस्वास्थ्य निदेशक के अनुसार, 2024 में जहाँ 2213 मलेरिया मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2025 में अब तक केवल 59 मामले ही सामने आए हैं। 
  • जनजागरूकता अभियान की सफलता:
    • IEC गतिविधियों (Information, Education, Communication) के अंतर्गत लार्वा प्रदर्शन, ऑडियो-वीडियो प्रचार, पंपलेट और पोस्टर जैसे माध्यमों से आमजन को सजग किया गया, जिससे बीमारी की रोकथाम मज़बूत हुई।
    • 1 अप्रैल 2025 से पूरे राज्य में एंटी लार्वा छिड़काव, फोकल स्प्रे, फॉगिंग और सोर्स रिडक्शन गतिविधियाँ की गईं। यह प्रोग्राम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में प्रभावी रहा।
  • हाई रिस्क ज़िलों में विशेष ध्यान:
    • अलवर, बालोतरा, बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, प्रतापगढ़, सलूंबर, श्रीगंगानगर और उदयपुर जैसे 9 उच्च जोखिम वाले ज़िलों में दो चरणों में इंडोर रेजिड्यूअल स्प्रे (IRS) किया गया, जिससे संक्रमण स्रोतों को नियंत्रित किया गया।

मलेरिया

  • मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होने वाला एक जानलेवा रोग है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलता है।
    • प्लास्मोडियम परजीवी की पाँच प्रजातियाँ हैं, जो मनुष्यों में मलेरिया का कारण बनती हैं तथा साथ ही इनमें से 2 परजीवी प्रजातियाँ (‘पी.फाल्सीपरम’-P. Falciparum एवं ‘पी.वीवाक्स’-P Vivax) ज़्यादा खतरनाक होती हैं।
  • मलेरिया मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
    • जब मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वह भी संक्रमित हो जाता है। जिस व्यक्ति को यह मच्छर काटता है, उसके शरीर में मलेरिया के परजीवी प्रवेश कर जाते हैं। लीवर में पहुँचने के बाद, परजीवी विकसित होते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं।
  • बुखार और फ्लू जैसे लक्षण, जैसे ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान, मलेरिया के लक्षण हैं। उल्लेखनीय है कि मलेरिया का इलाज संभव है और इससे बचा जा सकता है।

विश्व मलेरिया दिवस

  • यह प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इसकी स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मलेरिया के बारे में लोगों को अधिक जागरूक करने और इसके उन्मूलन हेतु कार्रवाई करने के लिये वर्ष 2007 में की गई थी।
  • विश्व मलेरिया दिवस 2025 का विषय है "मलेरिया एंड्स विथ अस: रीइन्वेस्ट, रीइमेजिन, रीइग्नाइट"।