आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में रोगियों की संख्या में कमी | 08 Oct 2025

चर्चा में क्यों?

झारखंड के बरहरवा प्रखंड में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में रोगियों की संख्या घट रही है।

  • निःशुल्क उपचार सेवाएँ उपलब्ध होने के बावजूद, जागरूकता की कमी, अपर्याप्त अवसंरचना, डॉक्टरों एवं कर्मचारियों की कमी तथा आवश्यक दवाओं की अनुपलब्धता के कारण इन केंद्रों का उपयोग कम हो रहा है।

मुख्य बिंदु 

आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM)

  • परिचय:
    • आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करते हैं, जिनमें निवारक, प्रोत्साहनात्मक, पुनर्वास और उपचारात्मक देखभाल शामिल हैं। 
  • घटक: इसके दो घटक हैं जो एक दूसरे के पूरक हैं।
    • प्रथम घटक: 
      • इसके अंतर्गत 1,50,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना की जाएगी, ताकि व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराई जा सके।
      • ये सेवाएँ सार्वभौमिक एवं निःशुल्क होंगी, जिनका उद्देश्य कल्याण उन्मुख और समुदाय-निकट सेवाओं की विस्तृत शृंखला का वितरण सुनिश्चित करना है।
    • द्वितीय घटक:
      • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), जो द्वितीयक और तृतीयक देखभाल हेतु 10 करोड़ से अधिक गरीब एवं कमज़ोर परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है।
  • महत्त्व:
  • AAM को विस्तारित स्वास्थ्य सेवाओं की श्रेणी प्रदान करने के लिये परिकल्पित किया गया है, जो केवल मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गैर-संचारी रोगों की देखभाल, उपशामक और पुनर्वास देखभाल, मौखिक, नेत्र और ENT देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य और आपात स्थिति और आघात के लिये प्रथम-स्तरीय देखभाल, मुफ्त आवश्यक दवाओं और नैदानिक सेवाओं की उपलब्धता शामिल हैं।

राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM)

  • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2014 में अनुमोदित और अधिसूचित किया गया था।
  • इसका मुख्य उद्देश्य लागत प्रभावी आयुष सेवाओं के माध्यम से आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देना, शैक्षिक प्रणालियों को सशक्त करना, आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी एवं होम्योपैथी (ASU & H दवाओं) की गुणवत्ता नियंत्रण का पालन सुनिश्चित करना, और ASU & H कच्चे माल की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करना है।