राजस्थान में आदर्श वेद विद्यालयों का शुभारंभ | 13 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
राज्य में संस्कृत शिक्षा के प्रसार और संवर्द्धन हेतु राजस्थान के संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 1 अप्रैल, 2026 से सभी प्रभागीय मुख्यालयों में आदर्श वेद विद्यालय शुरू करने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य:
- इस पहल का उद्देश्य राजस्थान में संभागीय स्तर पर संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन देना तथा वैदिक अध्ययन की परंपरा को पुनर्जीवित करना है।
- प्रथम चरण:
- चार आदर्श वेद विद्यालयों की स्थापना की गई है, जो वर्तमान में संस्कृत शिक्षा विभाग के भवनों या अन्य सरकारी परिसरों से अस्थायी रूप में संचालित हो रहे हैं।
- वर्तमान केंद्र हाथोज (जयपुर), तारातारा मठ (बाड़मेर), पुष्कर (अजमेर) और पीली गाँव (भरतपुर) में स्थित हैं।
- चार आदर्श वेद विद्यालयों की स्थापना की गई है, जो वर्तमान में संस्कृत शिक्षा विभाग के भवनों या अन्य सरकारी परिसरों से अस्थायी रूप में संचालित हो रहे हैं।
- बुनियादी ढाँचे का विकास:
- प्रत्येक वेद विद्यालय में वैदिक शिक्षा के चार विशेषज्ञ शिक्षक नियुक्त होंगे तथा प्रशासनिक सहयोग हेतु पाँच विभागीय कार्मिक नियुक्त किये जा सकेंगे।
- सभी सात संभागों में आदर्श वेद विद्यालयों के स्थायी परिसरों के निर्माण के लिये भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिनमें हाथोज (जयपुर), पुष्कर (अजमेर), पीली (भरतपुर), चेचट (कोटा), गोमरख (जोधपुर), भटेवर (उदयपुर) और नलबाड़ी (बीकानेर) शामिल हैं।
- वैदिक परंपराएँ:
- इन वैदिक गुरुकुलों और वैदिक पर्यटन केंद्रों का संचालन पूर्णतः पारंपरिक वैदिक रीति-नीति के अनुरूप किया जाएगा।
- इन केंद्रों पर वेदों और वैदिक परंपराओं में दक्ष प्रशिक्षित कार्मिकों की नियुक्ति की जाएगी।
- वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड का गठन:
- अप्रैल 2025 में राजस्थान सरकार ने संभाग स्तर पर नव स्थापित वेद विद्यालयों एवं तीन वैदिक गुरुकुलों सहित सभी वैदिक शिक्षण संस्थानों के संचालन, निगरानी और समन्वयन हेतु वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड की स्थापना की।