मध्य प्रदेश में घोषित प्रमुख अवसंरचना परियोजनाएँ | 25 Aug 2025

चर्चा में क्यों? 

सड़क परिवहन और राजमार्गों के केंद्रीय मंत्री, नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश में प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं की घोषणा की, जिनमें पर्यटन को प्रोत्साहन देने हेतु प्रमुख बाघ अभयारण्यों को जोड़ने वाला चार-लेन कॉरिडोर और भोपाल और जबलपुर के बीच एक ग्रीनफील्ड हाईवे शामिल है, जिसका निर्माण अगले वर्ष शुरू होने वाला है।

मुख्य बिंदु

  • टाइगर कॉरिडोर: ₹5,500 करोड़ का 'टाइगर कॉरिडोर' कान्हा, पेंच, बांधवगढ़ और पन्ना टाइगर रिज़र्व को जोड़ेगा, जिसका उद्देश्य पर्यटन को प्रोत्साहन देना, रोज़गार सृजित करना और राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है।
  • राजमार्ग (Highways): भोपाल और जबलपुर के बीच 255 किमी. लंबा नया ग्रीनफील्ड हाईवे बनाया जाएगा, जिसकी लागत ₹15,000 करोड़ होगी और इसका विस्तृत परियोजना विवरण (DPR) दिसंबर 2025 तक तैयार होने की आशा है।
    • एक 220 किमी. लंबा हाई-स्पीड कॉरिडोर, जो सिवनी ज़िले के लखनादौन को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जोड़ेगा, की भी घोषणा की गई।
  • सबसे लंबा फ्लाईओवर: जबलपुर में 6.85 किमी. लंबे नए फ्लाईओवर का भी उद्घाटन किया गया, जो राज्य का सबसे लंबा फ्लाईओवर है। इसके शुरू होने से मदन महल और दमोह नाका के बीच यात्रा का समय 45 मिनट से घटकर केवल 7 मिनट रह जाएगा।
    • इसमें 192 मीटर लंबा केबल-स्टे ब्रिज और तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज भी शामिल हैं।
    • 1,200 करोड़ रुपए की लागत से बना यह फ्लाईओवर केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (CRIF) द्वारा वित्तपोषित है और इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी।

केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (CRIF):

  • केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (CRIF), जिसे प्रारंभ में केंद्रीय सड़क निधि कहा जाता था, वर्ष 2000 में केंद्रीय सड़क निधि अधिनियम, 2000 के अंतर्गत स्थापित किया गया था।
    • इस निधि का वित्तपोषण पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क के साथ लगाए गए उपकर के माध्यम से किया जाता है।
  • वर्तमान में इस निधि का प्रशासन वित्त मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जबकि पहले इसका प्रबंधन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जाता था।
  • केंद्रीय सड़क निधि अधिनियम (संशोधन), 2018 के अंतर्गत इस निधि का नाम परिवर्तित किया गया और इसकी परिधि का विस्तार किया गया, जिससे इस निधि का उपयोग अन्य अवसंरचना परियोजनाओं जैसे जलमार्ग, रेलवे अवसंरचना और सामाजिक अवसंरचना (जैसे शैक्षणिक एवं चिकित्सा संस्थान) के वित्तपोषण के लिये भी किया जा सके।