केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना को मिली मंज़ूरी | 09 Dec 2021

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केन-बेतवा नदी को आपस में जोड़ने की परियोजना के लिये वित्तपोषण तथा क्रियान्वयन को मंज़ूरी दे दी है। 

प्रमुख बिंदु

  • 44 हज़ार 605 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के पूरा होने पर बुंदेलखंड क्षेत्र के अंतर्गत मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर, दतिया, शिवपुरी, विदिशा और रायसेन ज़िले लाभान्वित होंगे। साथ ही 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न होगी।
  • इस परियोजना के लिये केंद्रीय समर्थन के रूप में 39 हज़ार 317 करोड़ रुपए, सहायक अनुदान के रूप में 36 हज़ार 290 करोड़ रुपए और ऋण के रूप में 3,027 करोड़ रुपए की धनराशि को मंज़ूर किया गया है। यह परियोजना भारत में नदियों को आपस में जोड़ने की अन्य परियोजनाओं का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।
  • गौरतलब है कि राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत मूर्तरूप लेने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के स्वप्न के रूप में एक महत्त्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है। 
  • परियोजना की विस्तृत डी.पी.आर. तैयार करने हेतु मध्य प्रदेश शासन, उत्तर प्रदेश शासन और प्रधानमंत्री की उपस्थिति में त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है।
  • इस परियोजना से निम्नलिखित लाभ होंगे-
    • परियोजना के मूर्तरूप लेने पर मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में 8 लाख 11 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा तथा सूखा की समस्या खत्म होगी।
    • जल संकट से प्रभावित प्रदेश की 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी।
    • परियोजना से भू-जल स्तर की स्थिति सुधरेगी।
    • परियोजना से 103 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग पूर्णरूप से मध्य प्रदेश करेगा।
    • जल आपूर्ति होने पर बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगीकरण एवं निवेश को बढ़ावा मिलेगा। तथा रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
    • स्थानीय स्तर पर आमजन में आत्मनिर्भरता आएगी तथा क्षेत्र से लोगों का पलायन रुकेगा। बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
    • इस परियोजना से पन्ना ज़िले में 70 हज़ार हेक्टेयर, छतरपुर में 3 लाख 11 हज़ार 151 हेक्टेयर, दमोह में 20 हज़ार 101 हेक्टेयर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी में 50 हज़ार 112 हेक्टेयर, सागर में 90 हज़ार हेक्टेयर, रायसेन में 6 हज़ार हेक्टेयर, विदिशा में 20 हज़ार हेक्टेयर, शिवपुरी में 76 हज़ार हेक्टेयर एवं दतिया ज़िले में 14 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित हो सकेगा। साथ ही पर्याप्त पेयजल भी उपलब्ध होगा।