जमशेदपुर पुलिस ने क्यूआर कोड आधारित बीट सिस्टम अपनाया | 07 Jan 2023

चर्चा में क्यों?

6 जनवरी, 2023 को पूर्वी सिंहभूमि ज़िले के एसएसपी प्रभात कुमार ने जमशेदपुर के साकची स्थित कंपोजिट कंट्रोल रूम (सीसीआर) में क्यूआर कोड स्कैनिंग सिस्टम के जरिये स्मार्ट पुलिसिंग का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • जमशेदपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में फैले 1500 से अधिक बीट पॉइंट्स ने क्यूआर कोड-आधारित ई-बीट सिस्टम को अपनाया है। नई प्रणाली के तहत, जमशेदपुर पुलिस की गश्ती टीमों के पास ज़िले भर में स्कैन-थ्रू क्यूआर कोड होंगे।
  • संबंधित थानों के प्रभारी अधिकारियों को क्यूआर कोड की स्कैनिंग के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कड़ी निगरानी के साथ डेटा बनाए रखना होगा ताकि गश्त करने वाले दल अपने कर्तव्य से बच न सकें।
  • पिछली पारंपरिक लॉगबुक प्रणाली के तहत, बीट पुलिस को अपनी धड़कनों के साथ स्थापित स्वाइपिंग मशीनों के माध्यम से मैन्युअल रूप से अपने मूवमेंट्स को रिकॉर्ड करना पड़ता था। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पुरानी व्यवस्था में हेरफेर की गुंजाइश थी क्योंकि उचित निगरानी नहीं थी।
  • नई प्रणाली के साथ, बीट पुलिस को अपने मोबाइल फोन से अपने मार्गों पर रखे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। ऐप आधारित क्यूआर कोड चेहरे की पहचान का उपयोग करता है और पुलिस अधिकारियों को बेहतर और त्वरित प्रतिक्रिया के लिये फोटो डाउनलोड करने और टिप्पणियाँ लिखने की अनुमति देता है। कंट्रोल रूम से भी सिस्टम की रियल टाइम आधार पर मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
  • जैसे ही बीट पुलिसकर्मी कोड को स्कैन करेगा, प्रभारी अधिकारी को न सिर्फ कन्फर्मेशन मिलेगा, बल्कि जीपीएस के जरिये उसकी गतिविधि को भी ट्रैक किया जा सकेगा। ऐप में दर्ज की गई टिप्पणियों को भविष्य की पुलिसिंग और योजना के लिये संगृहीत और विश्लेषण किया जा सकता है।
  • नई प्रणाली के शुभारंभ के दौरान एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि शुरुआत में साकची में 27 क्यूआर और बिस्टुपुर में 30 क्यूआर कोड लगाए गए हैं।
  • ये क्यूआर कोड प्रमुख आभूषण दुकानों, बैंकों और होटलों में स्थापित किये गए हैं, जहाँ गश्त करने वाली पार्टियों को नियमित रूप से नजर रखनी होती है। ज़िले भर में जल्द ही ऐसे क्यूआर कोड की संख्या बढ़ाकर 1,500 की जाएगी, ताकि निर्दोष पुलिस पेट्रोलिंग से व्यवसायियों, बैंकों, स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को सुरक्षित किया जा सके।