हरियाणा में इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम लागू | 06 Mar 2023

चर्चा में क्यों?

5 मार्च, 2023 को हरियाणा जनसंपर्क, सूचना एवं भाषा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हरियाणा पुलिस ने आधुनिक पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करते हुए केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित परियोजना इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) को सफलतापूर्वक लागू किया है।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू आईसीजेएस परियोजना को गृह मंत्रालय के जरिये पूरे देश में कार्यान्वित किया गया है, जिस पर प्रदेश पुलिस आधुनिक पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कार्य कर रही है।
  • राज्य के एक पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य पुलिस ने आईसीजेएस परियोजना का उपयोग करते हुए 45 वाहनों को ट्रेस करने में, 67 उद्घोषित अपराधियों व बेल जंपर्स और 02 मोस्ट वांटेड अपराधियों को ढूंढ़ने में सफलता प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त उक्त डेटा पर 4 एफआईआर भी प्रदेश में दर्ज की गई हैं।
  • पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आईसीजेएस परियोजना यानी, इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के पहले चरण में अलग-अलग आईटी सिस्टम को लागू और व्यवस्थित किया गया है। इस सिस्टम को रिकॉर्ड को सर्च करने में भी सक्षम बनाया गया है।
  • इसके अलावा चरण-2 के तहत इस सिस्टम को ‘एक डेटा, एक एंट्री’ के सिद्धांत पर तैयार किया गया है, जिसके तहत डेटा केवल एक कॉलम में केवल एक बार दर्ज किया जाता है और फिर वही डेटा अन्य सभी कॉलम में दर्ज हो जाता है। इसके लिये प्रत्येक कॉलम में डेटा की फिर से एंट्री करने की जरूरत नहीं होती है।
  • राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो निदेशक ओ.पी. सिंह ने बताया कि आईसीजेएस सिस्टम को हाई स्पीड कनेक्टिविटी के साथ एक डेडिकेटिड और सिक्योर्ड क्लाउड बेस्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिये उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • प्रदेश में आईसीजेएस परियोजना के कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पर है।
  • इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) मुख्य आईटी सिस्टम के एकीकरण के लिये एक राष्ट्रीय प्लेटफार्म है, जिसका इस्तेमाल पाँच कॉलम [पुलिस (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग और नेटवर्क प्रणाली), फॉरेंसिक लैब के लिये ई-फॉरेंसिक, न्यायालयों के लिये ई-कोर्ट, लोक अभियोजकों के लिये ई-प्रॉसीक्यूशन, जेलों के लिये ई-जेल] के जरिये देश में आपराधिक न्याय को लागू करने के लिये किया जाता है।
  • इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रदेश पुलिस के पास जेलों में बंद अपराधियों का पूर्ण रिकार्ड रहता है। उपरोक्त सॉफ्टवेयर में अपराधी का नाम व अन्य सूचना की एंट्री करने से यदि किसी अन्य राज्य में उसकी स्थिति है तो तभी अपडेट हो जाती है। उक्त सूचना के आधार पर अनुसंधान अधिकारी आगामी कार्यवाही कर सकते हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि एक अपराधी कई राज्यों में वांछित होता है और किसी अन्य राज्य में जेल में बंद होता है। ऐसी स्थिति में इस सॉफ्टवेयर पर जो डाटा बेस उपलब्ध है, उसकी सहायता से अपराधियों की वर्तमान लोकेशन को ढूंढा जा सकता है।
  • इसके अलावा, सॉफ्टवेयर के माध्यम से चोरी हुए वाहनों का पता लगा सकते हैं।
  • पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा सीसीटीएनएस/इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) में अच्छी प्रथाओं पर एक वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में हरियाणा पुलिस ने आईसीजेएस परियोजना के सर्वश्रेष्ठ क्रियान्वयन की श्रेणी में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
  • उल्लेखनीय है कि देश में लगभग 117 एफएसएल और सीएफएसएल के प्रदर्शन का मूल्यांकन एनसीआरबी द्वारा परिभाषित मापदंडों पर किया गया, जिसमें हरियाणा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता के रूप में प्रथम स्थान पर रहा। पूरे वर्ष प्रगति डैशबोर्ड पर लगातार 20 से अधिक मापदंडों पर प्रदेश प्रथम स्थान पर बना रहा।