इंदौर चिड़ियाघर में विदेशी बाइसन और शुतुरमुर्ग | 07 Oct 2025

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर चिड़ियाघर का दौरा किया और राज्य के बढ़ते वन्यजीव महत्त्व, नई प्रजातियों के समावेश और भविष्य की संरक्षण परियोजनाओं के साथ जैवविविधता प्रबंधन को सशक्त करने पर ज़ोर दिया।

मुख्य बिंदु

  • नई प्रजातियों के समावेश: 
    • चार भारतीय बाइसन- रुद्र, तुलसी, कल्कि और ताप्ती और शुतुरमुर्गों के दो जोड़े इंदौर चिड़ियाघर में शामिल हुए, जिससे इसकी वन्यजीव विविधता में वृद्धि हुई।
    • ये जानवर कर्नाटक के शिमोगा चिड़ियाघर से टाइगर प्रजनन और आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत लाए गए, इसके बदले इंदौर चिड़ियाघर से एक बाघ शिमोगा चिड़ियाघर भेजा गया।
  • वन्यजीव देखभाल एवं प्रजनन सफलता: 
    • मुख्यमंत्री ने चिड़ियाघर के देखभाल मानकों की प्रशंसा की तथा जेबराओं के सफल प्रजनन को प्रभावी पशु प्रबंधन का एक मॉडल बताया।
    • उन्होंने नागरिकों से पशुओं के प्रति करुणा दिखाने का आग्रह किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि "पशु और पक्षी हमारी पर्यावरण प्रणाली का अभिन्न अंग हैं।"
  • भविष्य की योजनाएँ: 
    • इंदौर चिड़ियाघर परिसर में मध्य भारत का सबसे आकर्षक एक्वेरियम विकसित किया जाएगा, ताकि इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिले और जलीय जैवविविधता के प्रति जनजागरूकता बढ़ाई जा सके।

भारतीय बाइसन (गौर)

  • परिचय:
    • भारतीय बाइसन या गौर (Bos gaurus) भारत में जंगली मवेशियों की सबसे बड़ी और सबसे ऊँची प्रजाति है और विश्व का सबसे बड़ा विद्यमान गोजातीय है।
    • वैश्विक जनसंख्या का अनुमान 13,000–30,000 है, जिसमें से लगभग 85% भारत में पाई जाती है।
  • आवास और वितरण: 
    • दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की मूल निवासी, गौर पश्चिमी घाटों में प्रचुर संख्या में पाई जाती है, मुख्य रूप से नागरहोल, बांदीपुर, मसिनागुडी और बिलिगिरिरंगना हिल्स (BR हिल्स) में।
    • यह म्यांमार और थाईलैंड में भी पाई जाती है तथा सदाबहार और नम पर्णपाती वन, 6,000 फीट की ऊँचाई से नीचे के वनों रहती है।
  • संरक्षण स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य (Vulnerable
    • वन्यजीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I

शुतुरमुर्ग (Struthio camelus)

  • उड़ान रहित पक्षी, अत्यंत तेज़ दौड़ने वाले, 43 मील प्रति घंटा तक की गति।
  • अफ्रीकी सवाना और रेगिस्तान (सोमालिया, इथियोपिया, केन्या, दक्षिण अफ्रीका) के मूल निवासी
  • ये छोटे झुंडों में रहते हैं (आमतौर पर 12 से भी कम), जिनका नेतृत्व नर करते हैं, जो मुख्य रूप से अग्रणी मादा के साथ संभोग करते हैं।
  • 2 से 2.8 मीटर ऊँचाई और 90 से 160 किलोग्राम वज़न वाले सबसे बड़े जीवित पक्षी।
  • IUCN स्थिति: कम चिंताजनक (Least Concern)