‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’के तहत सहायता राशि में बढ़ोतरी | 08 Apr 2023

चर्चा में क्यों?

6 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’के तहत सहायता राशि 25 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि इस वर्ष 2023-24 के लिये प्रस्तुत बजट में इस योजना के लिये 38 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इससे कई परिवारों का अपनी बेटियों का धूम-धाम से विवाह का सपना पूरा हो सकेगा।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने योजना के तहत राशि में दो बार वृद्धि की है। भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद प्रस्तुत पहले बजट में ही बेटियों के विवाह को प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2019 में विवाह अंतर्गत दी जाने वाली अनुदान राशि को 15 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 25 हज़ार रुपए कर दिया था। अब यह राशि बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दी गई है।
  • वर्ष 2019 की तुलना में निर्धारित बजट राशि भी 19 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 38 करोड़ रुपए कर दी गई है। इससे कई परिवारों में बेटियों के विवाह को लेकर चिंता दूर हुई है।
  • गौरतलब है कि कई परिवारों में आर्थिक परेशानियों के चलते बेटी का विवाह कठिन हो जाता है। इन परिस्थितियों में राज्य सरकार ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’के तहत बेटियों के विवाह के लिये सहायता करती है।
  • महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को कन्या के विवाह में होने वाली आर्थिक कठिनाईयों का निवारण, विवाह में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकना और सादगीपूर्ण विवाहों को बढ़ावा देना, सामूहिक विवाहों के आयोजन के माध्यम से गरीब परिवार के आत्मसम्मान में वृद्धि के साथ उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार तथा विवाहों में दहेज के लेन-देन की रोकथाम करना है।
  • योजना तहत देय लाभ
    • योजनांतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार और ‘मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना’अंतर्गत कार्डधारी परिवार की 18 वर्ष से अधिक आयु की अधिकतम दो कन्याओं को आर्थिक सहायता दी जाती है।
    • इसमें वर-वधु की श्रृंगार सामग्री और अन्य दैनिक उपयोग के सामान उपहार स्वरूप प्रदान करने के साथ बैंक ड्रॉफ्ट के माध्यम से रुपए भी दिये जाते हैं।
    • सामूहिक विवाह आयोजन व्यवस्था के लिये भी कुछ राशि व्यय की जाती है।
    • योजनांतर्गत विधवा, अनाथ, निराश्रित कन्याओं को भी शामिल किया जाता है।
    • योजना का लाभ लेने के लिये ज़िला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/ज़िला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। विकास खंड स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी या एकीकृत बाल विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। योजना के संबंध में  अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं से भी जानकारी ली सकती है।