मुख्यमंत्री ने राजिम में लक्ष्मण झूला का किया लोकार्पण | 02 Mar 2022

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम में नवनिर्मित लक्ष्मण झूला (सस्पेंशन ब्रिज) आम जनता को समर्पित किया। त्रिवेणी संगम के समीप बने इस झूले से राजिम के राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर महादेव मंदिर और लोमश ऋषि आश्रम आपस में जुड़ जाएंगे। 

प्रमुख बिंदु 

  • धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध राजिम में 33.12 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किये गए इस बहुप्रतिक्षित लक्ष्मण झूले की चौंड़ाई 3.25 मीटर तथा लंबाई 610 मीटर है। 
  • महानदी पर निर्मित यह ब्रिज अपनी वास्तुकला के कारण काफी आकर्षक है। इसमें रोशनी के लिये आधुनिक एवं सुसज्जित प्रकाश व्यवस्था है। जिसके कारण रात को भी पर्यटकों का आवागमन सुगमता से हो सकता है। 
  • राजिम संगम स्थल पर निर्मित यह सस्पेंशन ब्रिज राज्य के बाहर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा, जिससे इस पौराणिक स्थल की ख्याति दूर-दूर तक फैलेगी एवं लगातार पर्यटकों की वृद्धि होगी। 
  • उल्लेखनीय है कि पर्यटकों को राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर महादेव मंदिर या लोमष ऋषि आश्रम से कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक पहुँचने के लिये पैदल मार्ग से ही नदी पार करके जाना पड़ता था, जो बरसात के दिनों में अत्यंत जोखिमभरा था।  
  • गौरतलब है कि राजिम छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले में महानदी के तट पर स्थित है। यह अपने शानदार मंदिरों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ ‘राजिम’या ‘राजीवलोचन’भगवान रामचंद्र का प्राचीन मंदिर है, जो 8वीं-9वीं सदी का है। 
  • राजिम के ऐतिहासिक माघ पूर्णिमा का मेला (राजिम पुन्नी मेला) पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इस बहुप्रतिक्षित लक्ष्मण झूले से राजिम पुन्नी मेले को और भव्यता मिलेगी। इस पवित्र नगरी के ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक महत्त्व के मंदिरों में प्राचीन भारतीय संस्कृति और शिल्पकला का अनोखा समन्वय नज़र आता है।