हाइब्रिड स्विचगियर मॉड्यूल तकनीक | 19 Oct 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने प्रदेश में पहली बार इंदौर में ट्रांसमिशन सिस्टम के विस्तार में हाइब्रिड स्विच गियर मॉड्यूल सिस्टम का उपयोग किया है। जबलपुर मुख्यालय स्थित शक्ति भवन में पदस्थ कार्यपालन अभियंता एमडी पालंदे एवं मनीष खरे ने मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के सिस्टम के अनुरूप इस मॉड्यूल प्रणाली को विकसित और क्रियान्वित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस तकनीक का उपयोग इंदौर ईस्ट स्थित 220 केवी सब स्टेशन बिचोली में ट्रांसमिशन कंपनी ने 50 एमवीए क्षमता का एक नये स्थापित ट्रांसफार्मर में किया है। 
  • इसमें ट्रांसफार्मर से सप्लाई लेने वाले सिस्टम को 33 केवी वोल्टेज लेवल पर अंडरग्राउंड इंसुलेटेड केबल का उपयोग कर जोड़ा गया। मध्य प्रदेश में पहली बार 33 केवी के मेन सिस्टम के लिये इस तरह की उच्च क्षमता की इंसुलेटेड केबल का उपयोग किया गया है।
  • इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन सहित घनी आबादी के शहरों में पहले से स्थापित अति उच्च दाब सब स्टेशनों में जगह की कमी के कारण विस्तार में कुछ समस्याएँ आ रही थीं, इन्हें दूर करने तथा विद्युत की बढ़ती मांग की आपूर्ति के लिये मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने हाइब्रिड स्विच गियर मॉड्यूल तकनीक के रूप में प्रदेश के ट्रांसमिशन सिस्टम में इस नए विकल्प को अपनाने का निर्णय लिया। 
  • प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने बताया कि विद्युत सब स्टेशनों में उपयोग की जाने वाली यह एक ऐसी मॉड्यूलर और कंपैक्ट डिजाइन सिस्टम है, जिसके एक मॉडल में कई अलग-अलग कार्य शामिल हैं। 
  • सब स्टेशनों के निर्माण और विस्तारीकरण के लिये यह मॉडल लचीलेपन और अनुकूलन क्षमता पर आधारित है। हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किसी भी पारंपरिक सब स्टेशन में विस्तार या प्रतिस्थापन के लिये किया जा सकता है। 
  • इसमें एयर इंसुलेटेड स्विच गियर और अत्याधिक विद्युत प्रतिरोधक क्षमता वाली सल्फर हेक्साफ्लोराइड आधारित गैस स्विचगियर की तकनीक वाले उपकरणों को एक ही मॉडल में उपयोग में लाया जाता है। 
  • यह हाइब्रिड तकनीक सब स्टेशनों में उपयोग होने वाली जगह में 50% तक की कमी लाता है तथा नई स्थापना या विस्तारीकरण के लिये यह एक भरोसेमंद और लागत प्रभावी समाधान है।