छत्तीसगढ़ में हाथियों के मूवमेंट की हाईटेक मॉनिटरिंग | 09 Jun 2023

चर्चा में क्यों?

7 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के जंगलों में हाथियों के मूवमेंट की हाईटेक मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है। इसके लिये एआई आधारित ‘छत्तीसगढ़ एलीफेंट ट्रैकिंग एंड अलर्ट एप’विकसित किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • छत्तीसगढ़ के हाथी प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों को सतर्क करने के लिये वन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) और वन्यजीव विंग द्वारा संयुक्त रूप से इस एप को विकसित किया गया है।
  • यह एप एलीफैंट ट्रैकर्स (हाथी मित्र दल) से प्राप्त इनपुट के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर काम करता है। इस एप का उद्देश्य हाथी ट्रैकर्स द्वारा की जाने वाली ‘मुनादी’के अलावा प्रभावित गाँव के प्रत्येक व्यक्ति को मोबाइल पर कॉल, एसएमएस, व्हाट्सएप अलर्ट भेजकर हाथियों की उपस्थिति के बारे में सूचना पहुँचाना है।
  • विदित है कि पिछले 3 महीनों से उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में इस एप का उपयोग किया जा रहा है। 10 किमी. के इलाके में हाथियों के रियल टाईम मूवमेंट का अलर्ट ग्रामीणों के मोबाइल पर सफलतापूर्वक भेजा रहा है।
  • इस एप में ग्रामीणों के मोबाइल नंबर और जीपीएस लोकेशन का पंजीयन किया जाता है। जब एलीफैंट ट्रैकर्स द्वारा हाथियों के मूवमेंट का इनपुट एप पर दर्ज किया जाता है, तो एप द्वारा स्वचालित रूप से ग्रामीणों के मोबाइल पर अलर्ट पहुँच जाता है।
  • हाथी मित्र दल के सदस्य हाथियों के स्थान, झुंड के नाम, व्यवहार और अन्य विशेषताओं को फीड करने के लिये ODK एप (ओपन सोर्स) का उपयोग करते हैं। यह ODK एप ऑनलाइन मोड (रियल टाइम) और ऑफलाइन मोड (करीब-रीयल टाइम जब ट्रैकर मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र से बाहर होते हैं) दोनों में काम करता है।
  • अलर्ट एवं ट्रैकिंग एप द्वारा समय अवधि फिल्टर का उपयोग करके हाथियों की उपस्थिति वाले मार्ग को ट्रैक कर, हाथियों के झुंड को फिल्टर किया जा सकता है और अलग-अलग मार्गों को ट्रैक किया जा सकता है (जैसे-सिकासार दल, चंदा दल आदि)।
  • इस एप का उपयोग केवल हाथी ही नहीं, अन्य माँसाहारी, सर्वाहारी जानवर (तेंदुआ, सुस्त भालू), मैना, जंगली भैंसों की उपस्थिति का भी अलर्ट भेजने, अनुसंधान हेतु, आवास विकास, आवश्यकता के अनुसार योजना बनाने, ट्रैक करने में किया जा सकता है।