हेरिटेज ट्रेन पातालपानी-कालाकुंड लाइन | 04 Aug 2025

चर्चा में क्यों? 

भारतीय रेलवे ने मध्य प्रदेश में स्थित ऐतिहासिक (155 वर्ष पुरानी) पातालपानी-कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन का संचालन फिर से प्रारंभ किया है। पर्यटन में गिरावट के कारण यह सेवा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी।

मुख्य बिंदु

  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 
    • इस रेल लाइन (इंदौर से खंडवा) का प्रस्ताव 19वीं सदी में इंदौर रियासत के शासक तुकोजी राव होलकर द्वितीय (शासनकाल: 1844–1886) द्वारा रखा गया था। इसे वर्ष 1878 में होलकर स्टेट रेलवे के अंतर्गत पूर्ण किया गया तथा बाद में इसे राजपूताना-मालवा रेलवे में विलय कर दिया गया।।
    • इस क्षेत्र में रेलवे लाइन की आवश्यकता 19वीं शताब्दी में महसूस की गई, जब वर्ष 1818 में होल्कर परिवार के अधीन ब्रिटिश संरक्षित राज्य इंदौर की स्थापना हुई।
      • पातालपानी रेलवे स्टेशन इस लाइन पर बनने वाला प्रथम स्टेशन था, जिसका निर्माण वर्ष 1874–1878 के मध्य किया गया।
    • स्थान: डॉ. अंबेडकर नगर-खंडवा प्रभाग में स्थित पातालपानी-कालाकुंड लाइन वर्ष 2018 से हेरिटेज ट्रेन के रूप में चालू है।
    • यह 9.5 किमी लंबी मीटर गेज लाइन दुर्गम भू-भाग के कारण ब्रॉड गेज में परिवर्तित नहीं की जा सकी है, फिर भी इसे ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण संरक्षित किया गया है।
    • विशिष्टता: इस मार्ग में गहरी घाटियाँ, ऊँचे तटबंध, सुरंगें और प्राकृतिक झरने शामिल हैं, जिनमें प्रसिद्ध पातालपानी झरना (चोरल नदी पर, नर्मदा नदी की एक सहायक नदी) भी शामिल है।
  • भारतीय रेलवे में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
    • भारतीय रेलवे (IR) का इतिहास 160 वर्षों से अधिक पुराना है, जिसमें मूर्त और अमूर्त दोनों प्रकार की विरासत सुरक्षित है। 
    • भारतीय रेलवे चार यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों को संरक्षित करता है, जिनके नाम हैं:
    • दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (1999), नीलगिरि माउंटेन रेलवे (2005), कालका शिमला रेलवे (2008) और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई (2004)। 
    • दो और रेलवे स्टेशन प्रतीक्षा में हैं या अस्थायी सूची में हैं, अर्थात् माथेरान लाइट रेलवे और काँगड़ा वैली रेलवे।